प्रीतिका मजूमदार : वैसे तो सूर्य और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना हैं मगर ज्योतिष शास्त्र में इनका बहुत महत्त्व है। ग्रहण के वक्त क्या राशि संयोग है इसका सीधा प्रभाव मानव जाति और प्रकृति पर दिखता है। यह स्थापित तथ्य है, ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर हुई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं। इस वर्ष ग्रहण के तौर पर होने वाली खगोलीय घटना अपने आप में विशेष है, क्योंकि आगामी 5 जून से 5 जुलाई 2020 के बीच मे तीन ग्रहण पड़ने जा रहे हैं। यानि
एक महीने में तीन ग्रहण -दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण। एक महीने में तीन या तीन से ज्यादा ग्रहण आ जाएं तो उसे शुभ नहीं माना जाता। वहीँ इस अवधि में बन रहा ग्रहों का योग अनिष्ट को लेकर चिंता बढ़ा रहा है।
5 जून 2020 को चंद्रग्रहण
इस चंद्रग्रं का प्रारंभ रात 11:15 मिनिट समाप्ति 6 जून सुबह 2:34 पर होगी। चंद्र ग्रहण जिसमे शुक्र वक्री और अस्त रहेगा गुरु शनि वक्री रहेंगे तो तीन ग्रह वक्री रहेंगे, जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर बड़े नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में शेयर बाजार से जुड़े हुए लोग सावधान रहें। अगर जातक की राशि के हिसाब से बात करें तो यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर बहुत बुरा प्रभाव डालेगा। वृश्चिक राशिवाले परिवार वालो के साथ वाद विवाद तो बिलकुल ना करें। इसके अलावा किसी ख्यातिप्राप्त व्यक्ति की संदिग्ध या रहस्य्मयी हालात में मृत्यु के योग भी ये चंद्रग्रहण बना रहा है।
21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण
पिछले वर्ष दिसंबर में एक बड़ा सूर्य ग्रहण पड़ा था। अब जो यह ग्रहण पड़ने जा रहा है वो बहुत तहलका मचाने वाला माना जा रहा है। वजह यह कि यह ग्रहण ऐसी स्थिति में होने जा रहा है जबकि एक साथ छह ग्रह वक्री यानि अपनी उलटी चाल चल रहे हैं। ये ग्रह हैं -बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु। ज्योतिषीय गणना कहती है कि छह ग्रहों का वक्री होना सूर्य ग्रहण के साथ बड़ी प्राकृतिक आपदा विशेष तौर पर अतिवृष्टि और तूफान की वजह से जन-धन की हानि हो सकती है। सप्तम भाव में वक्री गुरु, वक्री शनि, और वक्री प्लूटो मकर राशि में स्थित है। देश में बारिश ओले गिरना, सड़कें नजर नहीं आने जैसी स्थिति बन सकती है। अतः किसी प्रकार का भयानक भूकंप आने की आशंका है, जो खासतौर पर एशिया से संबंधित क्षेत्र में हो सकता है जैसे ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और भारत देश इसमें शामिल हो सकते हैं। यदि इसकी वजह से तूफान उठता है, समुद्र में तो और भी ज्यादा भयानक हो सकता है।इसके अलावा किसी जनांदोलन के नाम पर व्यापक अराजकता भी इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव के तौर पर देखी जा रही है।
5 जुलाई 2020 को चंद्रग्रहण
यह चंद्रग्रहण ग्रहों के गोचर में एक बहुत बड़ा परिवर्तन लेकर आ रहा है। जिसमें मंगल,सूर्य और गुरु का राशि परिवर्तन शामिल है। गुरु धनु राशि मे वापस आएँगे लेकिन वक्री रहेंगे। शुक्र मार्गी रहेंगे। यह ग्रहण संकेत दे रहा है कि प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। विश्व युद्ध के हालात बनेंगे, वैश्विक शक्तियां सैन्य संघर्ष पर आमादा होंगी। अष्टम भाव मे मंगल है जो सूर्य से दशम और चंद्रमा से भी दशम है। अतः शास्त्र इसे तलवार द्वारा शत्रु घात बताते हैं यानी युद्ध संभव है। मगर, यदि युद्ध हुआ तो वह समुद्र से ही लड़ा जाएगा। इस ग्रहण के प्रभावस्वरूप किसी ख्यातिप्राप्त राजनीतिक हस्ती की हत्या होगी। यह कोई राष्ट्राध्यक्ष होगा जिसकी ह्त्या का प्रभाव हिंसा के तौर पर व्यापक स्तर पर देखा जाएगा। कुछ जगह पर आपसी लड़ाईया होंगी। जल प्रलय का खतरा हम सभी पे मंडरा रहा है। तीनों ही ग्रहण विश्व भर में उथल-पुथल मचा देंगे।
उपाय
ईश्वर की आराधना और वैदिक मंत्रों का जाप करें। प्राकृतिक प्रकोप का असर कम से कम हो, इसकी प्रार्थना सर्वशक्तिमान से करें। सदाचार अपनाएं, मांसाहार का त्याग ही श्रेयस्कर है।
लेखक के बारे में-
प्रीतिका मजूमदार देश की जानी-मानी वैदिक ज्योतिषी हैं. टैरो कार्ड रीडिंग और न्यूमरोलॉजी में जहां उन्हें महारथ हासिल है वहीं रेकी और साउंड हीलर के तौर पर भी उनकी एक अलग पहचान है.देश के सभी बड़े टीवी चैनल्स उन्हें बतौर एक्सपर्ट उन्हें अपने शोज़ में आमंत्रित करते रहते हैं.सुखी और समृद्ध जीवन के लिए उनके सुझाए उपाय अपनाकर अनगिनत लोग लाभान्वित हो चुके हैं. प्रीतिका मजूमदार से इन मेल आईडी : [email protected] और [email protected] के अलावा WhatsApp नंबर 9810381345 पर सम्पर्क किया जा सकता है.