मुंबई: महाराष्ट्र के जलगांव से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। यहां पायलट ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का विमान उड़ाने से ये कहते हुए मना कर दिया कि उसका ड्यूटी टाइम खत्म हो गया है। पायलट के ऐसा कहने की वजह से नेता, उसे मनाने में जुट गए। हालांकि बाद में पायलट मान गया लेकिन इस पूरे मामले की वजह से शिंदे का विमान देरी से उड़ान भर पाया।
क्या है पूरा मामला; कैसे सुलझा?
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई से शाम को जलगांव पहुंचे। उन्हें रात में फिर से जलगांव से मुंबई वापस जाना था। लेकिन पायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया और कहा कि उसका ड्यूटी टाइम खत्म हुआ। इसके बाद मंत्री गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल और जिला कलेक्टर और विमानन प्राधिकरण के अधिकारी, पायलटों को मनाने की कोशिश करने लगे।
मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटिल के साथ एयरपोर्ट पर पायलटों के साथ एकनाथ शिंदे की बंद कमरे में बातचीत भी हुई। इन सब के बीच शिंदे 20 मिनट तक विमान के उड़ान भरने का इंतजार करते रहे। हालांकि जब पायलट को समझाया गया तब जाकर शिंदे जलगांव से मुंबई पहुंच सके।
शिंदे को हुई देरी की वजह से बची एक महिला की जान
पायलट के विमान उड़ाने से मना करने पर शिंदे को जो देरी हुई, उसका फायदा एक महिला मरीज को मिल गया और उसकी जान बच गई। दरअसल किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरतमंद एक महिला मरीज की जलगांव से मुंबई जाने वाली उड़ान छूट गई थी, जिसके बाद शिंदे ने उसे अपने चार्टर्ड विमान से मुंबई भेजने की व्यवस्था की।
ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि शिंदे की उड़ान में भी देरी हो गई और इस बीच राज्य मंत्री गिरीश महाजन ने शिंदे से बात की और फिर शिंदे, महिला मरीज को अपने विमान में साथ लेकर मुंबई पहुंचे। महिला मरीज की पहचान शीतल बोर्डे के रूप में हुई।
हालांकि शिंदे को लेकर इस बात की काफी तारीफ हो रही है कि उन्होंने महिला की जान को बचाया और एक जिम्मेदार नेता होने के नाते महिला को अपने विमान से लेकर मुंबई गए, जिससे महिला को समय पर इलाज मिल सका।