दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव प्रचार अब खत्म हो चुका है, और अब बारी है वोटरों के हाथ में। 5 फरवरी को दिल्ली के लोग अपने मत का प्रयोग करेंगे, और 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे। रविवार 3 फरवरी को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने अपने-अपने तरीके से प्रचार किया और दिल्ली में सियासी माहौल को पूरी तरह से गरम कर दिया।
चुनाव प्रचार का आखिरी दिन: पूरी ताकत झोंकी
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी ने 22 रोड शो और रैलियां आयोजित की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी प्रचार के लिए दिल्ली में पहुंचे। बीजेपी ने अपने इस प्रचार अभियान में आम आदमी पार्टी की सरकार की नीतियों को निशाने पर लिया और दिल्ली के लोगों से बदलाव की अपील की। बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी ताकि 25 साल बाद दिल्ली में सत्ता पर काबिज हो सके।
आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सीएम आतिशी के निर्वाचन क्षेत्र समेत दिल्ली के तीन अलग-अलग इलाकों में रैलियां की। पार्टी ने दिल्ली के विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर अपनी योजनाओं का जिक्र किया और एक बार फिर सत्ता में लौटने का दावा किया। केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली के लोग उनके साथ हैं और बदलाव के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस भी अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने के लिए हर कोशिश कर रही है। कांग्रेस के दोनों बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली के कालकाजी और कस्तूरबा नगर इलाकों में रोड शो किए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की लड़ाई ने दिल्ली के लोगों को सिर्फ परेशानी दी है और यही समय है जब दिल्ली में कांग्रेस को वापस सत्ता में लाना चाहिए।
दिल्ली चुनाव का त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुकाबला खास है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है, वहीं कांग्रेस की मौजूदगी ने इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों को अपना भरोसा जीतने के लिए कई योजनाओं का वादा किया है, जबकि बीजेपी ने इस बार दिल्ली की सत्ता में बदलाव की उम्मीदें जताई हैं।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली की खराब स्थिति का जिम्मेदार बीजेपी और आम आदमी पार्टी को ठहराया और यह दावा किया कि कांग्रेस ही दिल्ली की समस्याओं का हल है। वहीं बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल की नीतियों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि दिल्ली में बदलाव की जरूरत है, ताकि दिल्ली की वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सके।
दिल्ली में वोटिंग और सुरक्षा की तैयारियां
दिल्ली में इस बार कुल 1.56 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए 733 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने इस बार मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। आयोग ने क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (QMS) ऐप भी लॉन्च किया है, जिससे लोग यह जान सकते हैं कि उनके पोलिंग बूथ पर कितनी भीड़ है और वे अपनी वोटिंग की योजना बना सकते हैं।
सुरक्षा के लिहाज से भी चुनाव आयोग ने कड़े इंतजाम किए हैं। दिल्ली में चुनाव को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियों, 19 हजार होमगार्ड और 35,626 दिल्ली पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार के चुनावों में कोई भी अप्रिय घटना नहीं होगी।
दिल्ली चुनाव 2025: अब सबकी नजरें वोटिंग पर
अब जबकि चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, बारी है वोटर्स की। दिल्ली में कुल 13,766 पोलिंग बूथ पर वोटिंग होगी, और आयोग ने सुनिश्चित किया है कि हर मतदान केंद्र पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। लोग अपने मत का इस्तेमाल करेंगे, और उनके वोट से तय होगा कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी। 5 फरवरी को सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होगा और सभी पार्टियों को अपनी उम्मीदों का जवाब मिलेगा।
अब दिल्ली के लोग तय करेंगे कि अगले पांच साल के लिए कौन उनकी आवाज बनेगा, और किस पार्टी को सत्ता सौंपेगी। यह चुनावी जंग अब वोटर्स के हाथ में है, जो अपना फैसला 5 फरवरी को देंगे। दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी को सामने आएंगे और तब ही साफ होगा कि दिल्ली की सियासत का अगले पांच साल का रास्ता कौन तय करेगा।