वाराणसी: समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनाव चिन्ह पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र के चुनावी मैदान में उतरे बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने ‘गैर कानूनी’ तरीके से अपना नामांकन पत्र खारिज करने की साजिश करने का आरोप लगाते उच्चतम न्यायालय का दरबाजा खटखटाने की बात कही है। यादव के वकील राजेश कुमार गुप्ता ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने ‘गैर कानूनी’ नोटिस भेज कर बीएसएफ के संबंधित विभाग से उनकी बर्खास्तगी के कागात बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक पेश करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि नोटिस में भ्रष्टाचार के जिस मामले में श्री यादव की बर्खास्तगी हुई है, उसके बारे में बीएसएफ के संबंधित विभाग से जारी दास्तावेज पर निर्वाचन कार्यालय को दिया जाए। गुप्ता का आरोप है कि यह नोटिस ‘गैर कानूनी’ है क्योंकि नामांकन के समय ऐसे किसी कागजात की मांग सक्षम अधिकारी ने नहीं की थी। सबसे बड़ी बात यह कि यादव की बर्खास्तगी भ्रष्टाचार के मामले में नहीं, बल्कि अनुशासनहीता के आरोप में की गई थी। कानून के मुताबकि इस आधार पर बर्खास्त व्यक्ति के लिए संबंधित विभाग से लिखित कागजात की कोई आवश्यकता नहीं होती है और यदि उनकी समझ में इसकी आवश्कता थी तो नामांकन के समय ही सक्षम अधिकारी को बताना चाहिये था।
आजम खां पर चुनाव आयोग ने दूसरी बार लगाया बैन, 48 घंटे तक नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार
उन्होंने कहा कि मंगलवार रात नौ बजे जानेमाने वकील कपिल सिब्बल और निषाद गौतम इस इस मामले को उच्चतम न्यायालय के समक्ष दाखिल करेंगे। गुप्ता ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी नेताओं के इशारे पर आंध्रप्रदेश के एक विशेष ऑव्जर्बर ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर दवाब डालकर नोटिस भेजा है। इसके पीछे सत्तधारी नेताओं का उद्देश्य असली चौकीदार श्री यादव को चुनाव मैदान से बाहर करना है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के कारण श्री यादव को पहले से तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। उनके जवान बेटे की हत्या तक करवा दी गई और इस मामले में बार-बार मांग करने पर भी उचित कार्रवाई नहीं की गई।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां से नामांकन पत्र दाखिल किया है। यादव ने सोमवार को सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद उन्हें नोटिस जारी किया गया। दो मई तक नाम वापसी की अंतिम तारीख है। ऐसे में उनके लिए बीएसएफ के संबंधित कार्यालय से कागजात हासिल करना आसान नहीं है और उनके नामांकन पर खतरा बना हुआ है। वैसे, सपा के चुनाव चिन्ह पर शालिनी यादव ने भी नामांकन किया है।