कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा पर चुनाव आयोग ने बुधवार को अभूतपूर्व कदम उठाया। आयोग ने देश के चुनावी इतिहास में संभवत: पहली बार राज्य की नौ सीटों पर निर्धारित समय से एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार रोकने का आदेश दिया। इन सीटों पर 19 मई को मतदान होना है।
उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि संभवत: यह पहली बार है जब आयोग ने संविधान की धारा 324 का प्रयोग करते हुए निर्धारित समय से पहले गुरुवार रात दस बजे प्रचार बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही राज्य के गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य को हटाकर उनकी जिम्मेदारी मुख्य सचिव को संभालने को कहा गया है।
राज्य के एडीजी (सीआईडी) राजीव कुमार को हटाकर गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया गया है। मतदान पूरा होने तक इन सीटों पर शराब की बिक्री पर भी रोक रहेगी। इस बीच आयोग ने राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और सेवानिवृत्त आईपीएस विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है।
बता दें कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत कर हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था। इस बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला अनैतिक है, उसमें आरएसएस के लोग हैं। हिंसा के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं। मोदी मुझसे डरे हुए हैं।
वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा सभी राज्यों में चुनाव लड़ रही है लेकिन बंगाल में चुनाव के हर चरण में हिंसा से स्पष्ट है कि इसके पीछे तृणमूल का हाथ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंदूक और बम से लैस दीदी के गुंडे विनाश करने को आमादा हैं। सत्ता के नशे में चूर ममता बनर्जी लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं।