पश्चिम बंगाल में एनआईए टीम पर हमले के बाद चुनाव आयोग ने कसी कमर, गृह मंत्रालय को दिया ये निर्देश

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मौजूदा हालात को देखते हुए चुनाव आयोग की ओर से बड़ा निर्णय लिया गया है। इलेक्शन कमीशन ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की 100 और कंपनियों को तैनात किया जाए। चुनाव आयोग के निर्देश पर गृह मंत्रालय द्वारा पहले से ही सीआरपीएफ की 55 कंपनियां और सीमा सुरक्षा बलों की 45 कंपनियां तैनात की जा रही हैं।

आपको बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर 6 अप्रैल को एनआईए की टीम पूर्वी मेदिनीपुर के भूपतिनगर में हुए बम धमाके की जांच करने पहुंची थी। इसी दौरान एनआईए की टीम पर हमला किया गया जिसमें दो अधिकारी घायल हो गए। इसके पहले संदेशखाली मामले के आरोपी शाहजहां शेख को पकड़ने गई ईडी की टीम पर भी हमला किया गया था। इन्हीं हालातों को देखते हुए चुनाव आयोग ने गृहमंत्रालय को अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का निर्देश दिया है। मेदिनीपुर में एनआईए टीम पर हुए हमले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच एजेंसी पर ही सवाल उठा दिए।

ममता ने कहा था कि बिना स्थानीय पुलिस को बताए आधी रात को छापा मारने क्यों गए? ममता कहा कि जांच एजेंसी की टीम पर हमला नहीं हुआ है बल्कि इन लोगों ने भूपतिनगर में महिलाओं पर हमला किया। ममता ने ये भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसी के लोग बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। ये हमारे बूथ एजेंटों को गिरफ्तार करना चाहते हैं। इस बात को लेकर काफी हो हल्ला मचा हुआ है। बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच तलवारें खिची हुई हैं। इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में भय का ऐसा माहौल बना हुआ है कि केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर यहां ‘मां मानुष और माटी’ कैसे सुरक्षित होंगे?

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