कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पिछले पांच महीनों में राज्य की मतदाता सूची में 39 लाख से ज्यादा मतदाता जोड़ दिए गए हैं। उनका कहना था कि इन नए मतदाताओं की संख्या हिमाचल प्रदेश की पूरी जनसंख्या से भी ज्यादा है। इसी बीच, चुनाव आयोग ने इन आरोपों का जवाब दिया है, हालांकि उसने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि वह इन आरोपों पर पूरी जानकारी और तथ्यों के साथ लिखित में जवाब देगा।
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए?
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 के बीच राज्य की मतदाता सूची में 32 लाख मतदाता जोड़े गए थे। इसके बाद, लोकसभा चुनाव 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बीच यानी सिर्फ 5 महीने में 39 लाख नए मतदाता जोड़ दिए गए। राहुल गांधी ने इसे लेकर सवाल उठाया कि जिन मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया है, वे कौन हैं और कहां से आए हैं। उनका कहना था कि 5 महीने में इस संख्या का बढ़ना कहीं न कहीं गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।
राहुल गांधी ने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र की व्यस्क जनसंख्या करीब 9.54 करोड़ है, लेकिन चुनाव आयोग के अनुसार वहां मतदाताओं की संख्या 9.70 करोड़ है, जो जनसंख्या से ज्यादा है। राहुल ने यह भी बताया कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में कामठी से 1.36 लाख वोट मिले थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले 35 हजार नए वोटर जोड़े गए, जो अंत में बीजेपी के खाते में चले गए, और बीजेपी ने चुनाव जीत लिया। राहुल का कहना था कि महाराष्ट्र में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां बीजेपी को वोटों में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि वह इन आरोपों पर पूरी जानकारी और तथ्यों के साथ लिखित जवाब देगा। आयोग का यह भी कहना था कि वह राजनीतिक दलों और पार्टियों से आने वाले विचारों, सुझावों और सवालों को बहुत महत्व देता है और इसे गंभीरता से लेता है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह उन सभी प्रक्रियाओं और तथ्यों का पालन करता है, जो देशभर में समान रूप से अपनाई जाती हैं।
चुनाव आयोग ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि वह जल्द ही लिखित में जवाब देगा। यह भी स्पष्ट किया कि वह राजनीतिक दलों के सवालों का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है, और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट मांगी
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने में समस्या हो रही है। उन्होंने कहा, “हम चुनाव आयोग से महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट मांग रहे हैं, लेकिन हमें यह लिस्ट नहीं दी जा रही है। चुनाव आयोग का काम चुनाव में पारदर्शिता लाना है, लेकिन हम देख रहे हैं कि हमें लिस्ट नहीं सौंपी जा रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग से सार्वजनिक तौर पर सवाल पूछ रही हैं, लेकिन आयोग ने अब तक जवाब नहीं दिया है।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इस आरोप पर सवाल उठा रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग का जवाब अब अहम होगा, क्योंकि इससे न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा कायम रखने के लिए जरूरी होगा।
महाराष्ट्र में चुनावी हलचल
राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र में 9.70 करोड़ मतदाता हैं, और राज्य में चुनावी माहौल गर्म है। महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी के बीच हमेशा से ही कड़ी टक्कर रही है, और ऐसे आरोप विपक्षी पार्टी के लिए बीजेपी के खिलाफ एक हथियार बन सकते हैं।
वहीं, बीजेपी भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकती है, क्योंकि यह आरोप राज्य में होने वाले आगामी चुनावों पर असर डाल सकते हैं। कांग्रेस नेता का यह आरोप चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे वे अपनी पार्टी को बीजेपी के मुकाबले खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस बीच चुनाव आयोग का जवाब पूरे मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता की ओर इशारा करता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव आयोग इन आरोपों पर क्या कार्रवाई करता है और क्या वोटर लिस्ट को लेकर कांग्रेस को पारदर्शिता मिलती है या नहीं।