लखनऊ। जैसे-जैसे 2019 का चुनाव लोकसभा नजदीक आ रहा है वैसे ही चुनावी पार्टियों में उथल-पुथल मची
हुई है। हर तरफ पार्टियों में एकजुटता देखी जा रही है जिसका साक्षी स्वयं कांग्रेश और महान दल में
हुआ गठबंधन है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेसी और महान दल के बीच मंगलवार को फिर से गठबंधन हो
गया है।
कांग्रेश राज्य मुख्यालय पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया से
मुलाकात कर महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने गठबंधन की पेशकश की जिसे प्रियंका ने
स्वीकार कर लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की मुहर लगा दी है। साथ ही प्रियंका ने
राहुल गांधी की अध्यक्षता को चराते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी ने हमें एक लक्ष्य दिया है कि
हम सभी मिलकर एक ऐसी राजनीति का निर्माण करें जिसमें सभी का प्रतिनिधित्व और महान दल
से हुआ यह गठबंधन लक्ष्य प्राप्ति की ओर एक कदम है।
गठबंधन का प्रतिरूप
गठबंधन से हुए परिवर्तन की झलक हमें साफ-साफ मौर्य के बयान में मिल सकती है जिसमें उन्होंने
कहा कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जिसने दलितों और पिछड़ों के आरक्षण समेत तमाम
हितों का ध्यान रखा है। सिर्फ कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो सबको साथ लेकर चलने में विश्वास
रखती है और हमारा कांग्रेस से गठबंधन नया नहीं है। हमारा गठबंधन 2009 से बना आ रहा है। मौर्य
ने यह भी कि वर्तमान में पूरे देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि
उनका गठबंधन कांग्रेस के साथ लंबा चलेगा।
उम्मीदों की प्रधानता
नई चुनावी रणनीतियों की वजह से अब देशभर में एक उम्मीदों का सैलाब सा आ गया है। क्योंकि
पार्टियों की नई रणनीति से भारतवर्ष के नागरिकों में नई उम्मीदों का एक विस्फोट आएगा। जिसका
अंदाजा मौर्य के इस बयान से लगाया जा सकता है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आ जाने पर
पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को टुकड़ों में बांट कर सबको देगी। अगर 2014 के चुनाव के
परिणामों पर गौर किया जाए तो महान दल को हार का सामना करना पड़ा था। अब देखना यह है कि
नई रणनीति नया गठबंधन क्या परिणाम पिरोता होता है।