अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का “रेसिप्रोकल टैरिफ” यानी “जैसे को तैसा टैक्स” इन दिनों काफी चर्चा में है। अमेरिका ने हाल ही में चीन से आने वाले कुछ सामानों पर 34 फीसदी का भारी टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा दिया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामानों पर उतना ही टैरिफ लगा दिया।
इसी बीच एक बात सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला कंपनी के मालिक एलॉन मस्क ने इस टैरिफ को लेकर ट्रंप से निजी तौर पर बातचीत की थी। मस्क ने ट्रंप को सलाह दी थी कि चीन पर लगे ये भारी टैक्स हटा लिए जाएं। उनका मानना था कि इससे नुकसान हो रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि ट्रंप ने उनकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
ट्रंप ने 2 अप्रैल को चीन पर 34 फीसदी का टैरिफ लगाया था। जब चीन ने भी पलटवार किया, तो ट्रंप नाराज़ हो गए। उन्होंने चीन को मंगलवार तक अल्टीमेटम दिया है कि वो अमेरिका पर से टैरिफ हटा ले, वरना अमेरिका चीन पर और 50 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की तैयारी में है।
टैरिफ को लेकर नैवरोन और मस्क के रिश्तों में आई कड़वाहट
टैरिफ की योजना बनाने में ट्रंप के ट्रेड एडवाइज़र पीटर नैवारो की अहम भूमिका रही है। अब खबरें आ रही हैं कि एलन मस्क और नैवारो के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं चल रहे।
हाल ही में एक इंटरव्यू में ट्रंप के करीबी और उनके प्रशासन में सीनियर एडवाइज़र रहे नैवारो ने टैरिफ का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाजार में गिरावट के बाद जल्द ही जोरदार उछाल देखने को मिलेगा। नैवारो का यह भी कहना था कि ट्रंप की वापसी के बाद डॉव जोंस 50,000 तक पहुंच सकता है।
ये इंटरव्यू सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। इसके बाद एलन मस्क ने एक पोस्ट में बिना नाम लिए नैवारो पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि “Econ में हार्वर्ड की पीएचडी कोई अच्छी चीज नहीं है, बल्कि खराब है।” बता दें, नैवारो ने अपनी पीएचडी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से की है।
मस्क अमेरिका और यूरोप के बीच फ्री ट्रेड के पक्षधर
एलन मस्क पहले भी अमेरिका और यूरोप के बीच बिना टैरिफ यानी ज़ीरो टैरिफ की उम्मीद जता चुके हैं। उनका मानना है कि यूरोप और अमेरिका को मिलकर साथ आगे बढ़ना चाहिए। मस्क ने कहा था कि अगर दोनों के बीच टैरिफ नहीं हो, तो व्यापार और आसान हो सकता है। इससे यूरोप और नॉर्थ अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड यानी बिना किसी टैक्स के कारोबार मुमकिन होगा।
उधर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन पर 20 फीसदी का टैरिफ लगाया था। उन्होंने दो अप्रैल को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में मीडिया से बात करते हुए इसे अमेरिका के लिए ‘लिबरेशन डे’ यानी मुक्ति दिवस बताया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को इस दिन की लंबे वक्त से जरूरत थी। अब से हर साल दो अप्रैल को अमेरिकी इंडस्ट्री के नए जन्म के तौर पर याद किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि हम अमेरिका को फिर से एक समृद्ध देश बनाएंगे।
दोनों के बीच टैरिफ को लेकर हुई बहस
खबरों के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप के दो करीबी साथियों—एलॉन मस्क और पीटर नैवारो—के बीच मतभेद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच टैरिफ यानी शुल्क को लेकर जमकर बहस भी हुई, वो भी सबके सामने।
दरअसल, 2 अप्रैल को ट्रंप ने करीब 180 देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया। इसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर बड़ा असर पड़ा। डॉव जोंस, एसएंडपी 500 और नैस्डैक—तीनों में पिछले हफ्ते पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। यह गिरावट 2020 के बाद की सबसे बड़ी मानी जा रही है।