प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई है। विशेष रूप से झारखंड में यह छापेमारी उस समय हो रही है जब राज्य में आगामी चुनाव के लिए वोटिंग से महज एक दिन पहले ही यह अभियान शुरू हुआ। ईडी की टीमें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन दोनों राज्यों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापे मार रही हैं।
बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ा मामला और ईडी की कार्रवाई
ईडी द्वारा यह कार्रवाई रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले से जुड़ी हुई है, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ का आरोप है। यह मामला जून 2023 में सामने आया था, और अब ईडी ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इस छापेमारी के दौरान और भी महत्वपूर्ण वित्तीय रिकॉर्ड और लिंक सामने आने की उम्मीद है, जो इस घुसपैठ रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क को उजागर कर सकते हैं।
ईडी इस मामले में बांग्लादेशी नागरिकों और भारत में सक्रिय संगठनों के खिलाफ जांच कर रही है, जो कथित तौर पर अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल हैं। इस रैकेट में नकली दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिक के तौर पर पहचान दिलाई जा सके। इसके बदले में इन घुसपैठियों से पैसा लिया जाता है।
भारत के लिए बढ़ता खतरा: आतंकी संगठन अलकायदा का लिंक
ईडी की जांच के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जाहिर कर रही हैं। हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने यह खुलासा किया था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के एक नेटवर्क का संबंध आतंकी संगठन अलकायदा से है। इन घुसपैठियों ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई थी और इसके लिए अलकायदा को फंडिंग भी कर रहे थे। एनआईए ने इस संदर्भ में कई राज्यों में छापेमारी की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल और बिहार भी शामिल थे।
बांग्लादेश से लगती सीमा के पास सक्रिय अवैध सिंडिकेट इन घुसपैठियों को भारत में अवैध तरीके से लाते हैं और उनका आर्थिक शोषण करते हैं। यह नेटवर्क न सिर्फ आर्थिक अपराधों में लिप्त है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।
आगे की कार्रवाई और संभावित खुलासे
ईडी का कहना है कि इस जांच से और भी कई लिंक और वित्तीय जानकारी सामने आ सकती है, जिससे इस घुसपैठ रैकेट और उसके पीछे के फाइनेंशियल नेटवर्क की पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी। जांच एजेंसी का उद्देश्य इस नेटवर्क को खत्म करना और इसके माध्यम से होने वाली मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को रोकना है।
ईडी और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही हैं ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले इस अवैध घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।