पुख्ता सुबूतों के बाद ही हुई कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई: महाराष्ट्र पुलिस

नई दिल्ली: महाराष्ट्र पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दावा किया है कि जिन भी सामाजिक कार्यकर्ताओं को बीते मंगलवार गिरफ्तार किया गया था, उनके खिलाफ पुलिस के पास पुख्ता सुबूत हैं. मुंबई पुलिस के एडीजी परम बीर सिंह ने दावा किया है कि पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ तभी कार्रवाई की जब उन्हें कार्यर्ताओं के माओवादियों से मिले होने के पुख्ता सुबूत हासिल हो गए थे.

एडीजीपी ने ये भी बताया कि इन लोगों के बीच जो पत्र बदले जा रहे थे उनमें कुछ बड़ा करने की योजना बनाई जा रही थी जिससे लोगों का ध्यान खींचा जा सके. उन्होने ये भी बताया कि अंडरग्राउंड माओवादियों के द्वारा हजारों पत्र आपस में बदले जा रहे थे. एडीजी सिंह ने ये भी कहा कि सुधा भारद्वाज ने एक कॉमरेड प्रकाश को एक पत्र लिखा था जिसमें अधिकारों के शोषण को सोशल मीडिया पर हाइलाइट करने की बात कही थी.

सिंह के बताए मुताबिक पत्र में सुधा ने दुश्मनों के खिलाफ कामी जारी होने की बात कही थी औऱ प्रकाश से आर्थिक मदद भी मांगी थी. एडीजी ने जून में गिरफ्तार हुई रोना विल्सन के कॉमरेड प्रकाश को लिखे एक कथित पत्र को पढ़कर बताया कि इसमें लिखा हुआ है, “मुझे उम्मीद है कि ग्रेनेड लोंचर खरीदने के लिए 8 करोड़ रूपये की जानकारी की डीटेल्स आपको मिल गई हैं.”

एडीजी ने कहा कि कॉमरेड किशन और बाकियों ने राजीव गांधी के समय की तरह ही मोदी राज को खत्म करने के लिए तरीका बताया था.वहीं भीमा कोरेगांव हिंसा के बारे में बताते हुए एडीजी ने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओ) ने गिरफ्तार किए गए अंडरग्राउंड लोगों को हिंसा बढ़ाने के लिए 15 लाख रुपये दिए थे.

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