विपक्षियों के कड़ी मशक्कत के बाद भी भाजपा को राज्यसभा से बिल पास कराने में बड़ी सफलता हांसिल हुई है। बहुमत ना होने पर भी बीजेपी ने राज्यसभा से एक और बिल पास करा लिया है। विपक्षी दलों के कड़े एतराज करने पर भी भाजपा ने राज्य सभा से 4 बिल RTI Bill, NIA Bill, Tripal Talaque bill, और आज UAPA Bill बहुमत के साथ पास करा लिया है।
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। जिसमें 5 सीटें खाली हैं। सदन में बहुमत के लिए 121 सांसद चाहिए। इस प्रकार 240 सदस्यीय मौजूदा राज्यसभा में प्रमुख दलों के सांसदों की संख्या इस प्रकार है।
बीजेपी के पास 78
कांग्रेस के पास 48
एआईएडीएमके 13
एआईटीसी 13
समाजवादी पार्टी 12
बीजद 7
जदयू , टीआरएस 6-6
सीपीआई(एम), राजद 5-5
बीएसपी, एनसीपी 4-4
आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना 3-3
RIT Bill Pass –
लोकसभा के बाद राज्यसभा में RTI संशोधन बिल भी ध्वनि मत से पास हुआ। इससे पहले बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया। प्रस्ताव के खिलाफ 117, विपक्ष में 75 वोट पड़े थे। वोटिंग से ठीक पहले कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। बता दें कि सरकार ने इस बिल के लिए ज़रूरी नंबर पहले से ही जुटा लिए थे जब NDA के बाहर की कई पार्टियों का समर्थन उसे हासिल हो गया। TRS, BJD और PDP इस बिल पर सरकार को समर्थन का ऐलान किया था। वहीं, YSR कांग्रेस ने भी RTI संशोधन बिल को लेकर सरकार का समर्थन करने का फैसला किया। इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने की विपक्ष की साझा मुहिम को इससे ज़ोरदार झटका लगा था।
Tripal Talaque Bill –
तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश हो हुआ। इस दौरान बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े। इससे पहले विपक्ष की बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग भी सदन में गिर गई। वोटिंग के दौरान बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के पक्ष में 84, जबकि विरोध में 100 वोट पड़े। कई विपक्षी दलों के वॉकआउट कर देने की वजह से ही सरकार को ये कामयाबी मिल सकी।
NIA BILL PASS –
राज्यसभा में आज एनआईए संशोधन बिल चर्चा के बाद पास हो गया। इस बिल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ज्यादा अधिकार देने का प्रावधान शामिल हैं। बता दें कि सरकार के मुताबिक इस संशोधन विधेयक का मकसद एनआईए अधिनियम को मजबूत बनाना है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक बयान में कहा था कि ‘आज आतंकवाद बहुत बड़ी समस्या है, देश में ऐसे उदाहरण हैं जब मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आतंकवाद के शिकार हुए हैं। आतंकवाद आज अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या है. ऐसे में हम एनआईए को सशक्त बनाना चाहते हैं।’
UAPA Bill Pass –
राज्यसभा में शुक्रवार को विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (यूएपीए) संशोधन विधेयक वोटिंग के बाद उच्च सदन से पास हो गया है। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े। इससे पहले सरकार का पक्ष रखते हुए गृहमंत्री अमित शाह सदन में विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कई देश आतंकवाद से पीड़ित हैं। कानून के दुरुपयोग की दलील ठीक नहीं है। 31 जुलाई 2019 तक एनआईए ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत रजिस्टर किए। 204 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए और 54 मामलों में अब तक फैसला आया है। 54 में से 48 मामलों में सजा हुई है। सजा की दर 91 प्रतिशत है। दुनियाभर की सभी एजेंसियों में एनआईए की सजा की दर सबसे ज्यादा है।