इस समय हिमाचल प्रदेश का मानसून सत्र चल रहा है। इस दौरान राज्य के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने ऐसी जानकारी सदन के सामने रखी जिससे हर कोई चौंक गया। दरअसल, डिप्टी CM ने विधानसभा सत्र के दौरान बताया कि राज्य के हर नागरिक के ऊपर 1 लाख 2 हजार 818 रुपये का कर्ज है।
उन्होनें राज्य के वित्तीय हालात को देखते हुए सिलसिलेवार तरीके से कई आंकड़े रखे और राज्य को कर्ज में डुबोने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया। इस पर विधानसभा में मौजूद भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
मानसून सत्र के दौरान राज्य के डिप्टी CM की ओर से वित्तीय स्थिति का आंकड़ा सदन में रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक जब प्रदेश की जयराम सरकार के सत्ता छोड़ा तो उस समय हिमाचल पर 76,630 करोड़ रुपए का कर्ज था। वहीं, पूर्व सरकार ने राज्य पर कुल 92,774 करोड़ की कुल देनदारियां छोड़ी। आज हर व्यक्ति पर 1 लाख 2 हजार 818 करोड़ का कर्ज है।
पिछली सरकार ने चुनावी साल में 16,261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई। उन्होंने कहा यह चुनाव लड़ने का साल था, उस साल में वित्तीय प्रबंधन जिस तरह से किया गया, उससे सारे प्रदेश का वित्तीय संतुलन बिगड़ गया।