नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार का मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को राजभवन में जितिन प्रसाद, छत्रपाल सिंह गंगवार, पलटू राम, संगीता बलवंत, संजीव कुमार, दिनेश खटीक और धर्मवीर सिंह को मंत्री पद की शपद दिलाई। कैबिनेट विस्तार से भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए ओबीसी और एससी/ एसटी श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उत्तर प्रदेश: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के राजभवन में नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/NOajgTCLoY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2021
कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले जितिन प्रसाद रविवार के विस्तार में जगह पाने वाले अकेले ब्राह्मण नेता हैं, बाकी 6 ओबीसी (तीन) और अनुसूचित जाति (दो) और अनुसूचित जनजाति (एक) के हैं। जिन 6 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली, वे संजीव गोंड (एसटी-सोनभद्र), धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी-आगरा), छत्रपाल गंगवार (ओबीसी-बरेली), संगीता बलवंत बिंद (ओबीसी-गाजीपुर),पल्टू राम (एससी-) बलरामपुर) और दिनेश खटीक (एससी-मेरठ) हैं। जाति संतुलन सुनिश्चित करने के अलावा, पार्टी ने राज्य के सभी हिस्सों में प्रतिनिधित्व प्रदान करना भी सुनिश्चित किया है।
रविवार की सूची में एक आश्चर्यजनक चूक पीएमओ के पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा का नाम है, जिन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए इस साल जनवरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वे लखनऊ आए और उन्हें तुरंत यूपी विधान परिषद का सदस्य बना दिया गया था। माना जा रहा था कि उन्हें जल्द ही मंत्रालय में शामिल किया जाएगा और एक महत्वपूर्ण विभाग दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वर्तमान में यूपी कैबिनेट में 53 मंत्री हैं और सात और को संवैधानिक सीमा के अनुसार शामिल किया जा सकता है।