बुलंदशहर। कोरोना महामारी ( Corona Pandemic ) के इस दौर में घर-घर के अंदर लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक संकट से परेशान होकर लोग आत्महत्या करने पर भी मजबूर हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला यूपी के बुलंदशहर से सामने आया है। घटना बुलंदशहर के कोतवाली क्षेत्र के भूड़ चौराहे की है, जहां पर एक परिवार के मुखिया ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर पहले तो खुद जहर खा लिया और उसके बाद अपनी पत्नी और बेटे को भी दे दिया। पत्नी की तो मौत हो गई। वहीं परिवार का मुखिया और उसका बेटा अस्पताल में भर्ती हैं। ये घटना सोमवार रात की है।
बाप और बेटे का अस्पताल में चल रहा है इलाज
जानकारी के मुताबिक, इलाके में चाय बेचने वाले एक व्यक्ति ने सोमवार की रात परिवार समेत जान देने की कोशिश की। इस कोशिश में पत्नी की तो मौत हो गई है। वहीं परिवार के मुखिया और उसके बेटे का इलाज मेरठ में चल रहा है। हालांकि उनकी स्थिति भी काफी गंभीर है। परिवार के परिचितों का कहना है कि परिवार काफी समय से आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। इसी कारण परिवार के मुखिया ने यह कदम उठाया है। चाय की दुकान से पेट भर खाना तक नहीं मिल रहा था।
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क्या है पूरा मामला
मूल रूप से देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव काहिरा के रहने वाले 55 वर्षीय बलबीर पिछले काफी समय से आर्थिति तंगी से परेशान थे। कई साल पहले बुलंदशहर के भूड़ चौराहे के पास एक आटो एजेंसी के सामने आकर चाय की दुकान शुरू की थी। गांव में कमाई का कोई जरिया नहीं होने के कारण वह अपनी 52 वर्षीय पत्नी रामवती को भी ले आया था। इसके अलावा 11 साल के बेटे दिन्नी उर्फ दीपक को भी ले आया था। दीपक भूड़ के समीप एक प्राइमरी स्कूल में पांचवीं क्लास में पढ़ता है।
सुबह चाय की दुकान बंद देख हैरान रह गए पड़ोसी
देहात कोतवाली के थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया कि सोमवार की रात करीब 12 बजे बलबीर ने पहले एक कैप्सूल खुद खाया और फिर उसकी मां को दिया। इसके बाद दीपक को भी एक कैप्सूल दिया। तीनों कैप्सूल खाने के बाद सो गए। सुबह जब काफी देर तक बलबीर ने चाय की दुकान नहीं खोली तो रेहड़ी व ठेलों वालों ने उसे आवाज लगाई। बेटा दीपक उठा तो वह उल्टियां करता हुआ बाहर आया। जिसके बाद उसने बताया कि उसके पिता व मां नहीं उठ रहे हैं। सूचना पर पुलिस पहुंची और तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर बलबीर की पत्नी रामवती की मौत हो गई। दीपक और उसके पिता बलबीर को मेरठ रेफर कर दिया। इस मामले में अभी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।