चंडीगढ़। आंदोलनकारी किसान संगठनों और मोदी सरकार के मंत्रियों के बीच अगले दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी देने पर अड़े हुए दिख रहे हैं। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग फिर दोहराई है। पंढेर ने मांग की है कि मोदी सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी अभी अध्यादेश लाकर दे सकती है। देखिए सरवन सिंह पंढेर ने क्या कहा।
#WATCH | Sarwan Singh Pandher, General Secretary of
Punjab Kisan Mazdoor Sangharsh Committee says, "Government can bring a law on MSP through an ordinance…Once the govt takes a decision to bring a law, then a solution can be found." pic.twitter.com/PRukYcySqU— ANI (@ANI) February 17, 2024
आंदोलनकारी किसानों को अभी हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगी अपनी सीमाओं पर रोक रखा है। सबसे ज्यादा बवाल शंभु बॉर्डर पर मचा है। यहां हजारों किसान इकट्ठा हैं और पुलिस के साथ रोज ही उनकी झड़प हो रही है। किसानों के साथ झड़प में हरियाणा के दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी अब तक घायल हो चुके हैं। वहीं, एक सब इंस्पेक्टर की जान भी अचानक जा चुकी है। इससे पहले हार्ट अटैक से एक आंदोलनकारी किसान भी जान गंवा चुका है। किसान यहां से हटने के लिए तैयार नहीं हैं। वे दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने साफ कर दिया है कि आंदोलनकारियों को दिल्ली जाकर हुड़दंग करने की छूट नहीं दी जा सकती।
किसान अपनी कई मांगें मोदी सरकार के सामने रख चुके हैं। सरकार से तीन दौर की बातचीत हो भी चुकी है। आंदोलनकारियों की मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी की है। साथ ही पिछले किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए केस वापस लेने, बिजली संबंधी कानून को रद्द करने, 58 साल से ऊपर की उम्र के किसानों को हर महीने 10000 रुपए की पेंशन, विदेशी अनाज और दुग्ध प्रोडक्ट पर ज्यादा आयात कर वगैरा की भी मांग वे कर रहे हैं।
वहीं, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि कुछ मांगों पर सरकार सहमत है, लेकिन एमएसपी की कानूनी गारंटी बिना अच्छे से विचार किए बगैर नहीं दी जा सकती। कुल मिलाकर इसी एक मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच फिलहाल समझौता नहीं हो सका है। इसकी वजह ये है कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने से सरकार के पास कम ही धन बचेगा और देश के बाकी काम रुक जाने के अलावा आम जनता के लिए महंगाई के भी चरम पर पहुंचने के आसार बन जाएंगे।