नई दिल्ली: भारत माता की जय और वंदे मतरम बोलकर निशाने पर आए जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस के नेता और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 35 ए को लेकर विरोध का सुर अपनाया है. बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को कोर्ट में अनुच्छेद 35 A पर अपनी रुख साफ करना चाहिए.
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि यदि सरकार 35 A पर अपनी रुख साफ नही करती तो उनकी पार्टी पंचायत के चुनाव में हिस्सा नही लेगी. अब्दुल्ला ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार को 35 ए के लिए कोर्ट में जोरदार पैरवी करे ताकि संविधान के इस अनुच्छेद को बरकरार रखा जा सके.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 35 A पर सुनवाई को 19 जनवरी तक टाल दिया है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एटोर्नी जनरल ए वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायती चुनावों में व्यस्त हैं. लिहाजा इस संवेदनशील मुद्दे को फिलहाल टाल दिया जाए. पहले चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा होने दें.
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सुप्रीम कोर्ट में कश्मीर सरकार और नागरिकों को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई चल रही है. नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी इस अनुच्छेद को बरकरार रखने की मांग कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 35 ए को लेकर पिछले साल कहा था कि यदि ये हटाया गया तो कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नही रहेगा. वहीं नेशनल कांफ्रेंस के लीडर फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि 35 ए के साथ छेड़छाड़ करना आग से खेलने जैसा है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सर्वदलीय श्रद्धाजलि सभा में फारुख अब्दुल्ला ने अपने संबोधन में भारत माता की जय और वंदे मातरम का उद्घोष किया था. इसको लेकर वो कश्मीरियों के एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे. कश्मीर में पिछले दिनों बकरीद की नमाज के दौरान उनके खिलाफ नारे बाजी हुई थी. फारुख के साथ धक्का-मुक्की का प्रयास भी कुछ लोगों ने किया था.