सावन में भगवान शंकर के इन 7 मंत्रों का करें जप, हर कार्य होगा सफल

भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है। इनकी कृपा अगर किसी व्यक्ति को प्राप्त हो जाए तो जीवन में हर क्षेत्र में वो सफल होता है। ऐसे में भगवान शिव के प्रिय माह सावन में अगर आप शिव मंत्रों का जप करते हैं तो आपको कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। मंत्रों के जप से जहां आपको मानसिक और शारीरिक सुकून मिलता है वहीं आपकी सभी मनोकामनाओं भी भोलेनाथ पूरा कर सकते हैं। आइए जानते हैं भगवान शिव के इन मंत्रों के बारे में।

भगवान शिव का गायत्री मंत्र 

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र के द्वारा हम भगवान शिव का ध्यान करने की इच्छा जताते हैं और उनसे बुद्धि और मन को प्रकाशित करने का वर मांगते हैं। यह मंत्र आपकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है और साथ ही मानसिक रूप से भी आपको सशक्त करता है।

महामृत्युंजय मंत्र 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 

भगवान शिव का यह चमत्कारी मंत्र और माया मोह के बंधनों से मुक्त करता है। आपको मृत्यु का भय नहीं सताता और सत्य का आपको ज्ञान होता है। इस मंत्र का जप करने से आपकी कई पीड़ाएं दूर हो सकती हैं।

भगवान शिव का ध्यान मंत्र 

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

भगवान शिव के इस ध्यान मंत्र से आपको आपको जीवन में सफलता प्राप्त होती है। अगर आप अवसाद, विफलता, तनाव या नकरात्मकता से घिरे हैं तो इस मंत्र का जप करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।

रुद्र मंत्र 

ॐ नमो भगवते रुद्राये।।

इस मंत्र के जरिये आप भगवान शिव को नमन करते हैं। यह मंत्र आपको पारिवारिक सुख और संपन्नता देने वाला माना जाता है।

शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र 

नम: शिवाय

आप भगवान शि की कृपा उनके इस पंचाक्षरी मंत्र का जप करके भी प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र का निरंतर जप करने से मन और वाणी की शुद्धता भी आपको प्राप्त होती है।

भगवान शिव के ये मंत्र भी हैं चमत्कारी

  • ॐ हौं जूं सः ।।
  • श्री महेश्वराय नम:।।
  • श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
  • श्री रुद्राय नम:।।
  • ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।।

यह सारे मंत्र भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किए जा सकते हैं। इन सरल मंत्रों का जप करने से भी महादेव आप पर कृपा बरसता हैं। हालांकि शिव मंत्रों के जप के लिए आपको किसी एकांत स्थान का चुनाव करना चाहिए और कम-से-कम 108 बार मंत्र जप करना चाहिए। तभी आपको हर मंत्र का अच्छा फल प्राप्त होता है।

 

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