आर्थिक सुस्ती को लेकर चिंता के बीच, चौतरफा आलोचना झेल रही केंद्र की मोदी सरकार इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए एक बार फिर बड़े ऐलान कर सकती है। दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा करने के लिए संबोधित करेंगी । इसकी जानकारी पीआईबी ने ट्वीट कर दी है। पीबीआई के मुताबिक दोपहर 2.30 बजे होने वाले इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम ऐलान किए जा सकते हैं।
आपको बतादें कि, यह बीते 1 महीने में तीसरी बार होगा जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रें स में इकोनॉमी से जुड़े बड़े ऐलान कर सकती हैं। इससे पहले 30 अगस्त को भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टार को लेकर कई बड़े फैसले लिए। इस दौरान उन्होंबने 10 सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ऑटोमोबाइल, एनबीएफसी, बैंकिंग, रियल एस्टेट तथा अन्य सेक्टर्स के लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं।
23 अगस्तथ को भी किए कई ऐलान –
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री ने 23 अगस्त को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इकोनॉमी से जुड़े कई बड़े ऐलान किए थे। इस दौरान उन्हों ने निर्यात क्षेत्र के लिए 30 दिनों में जीएसटी रिफंड, ऑटो इंडस्ट्री को राहत, बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालने सहित कई घोषणाएं शामिल थीं। इसके अलावा शेयर बाजार को बिकवाली के दौर से निकालने के लिए वित्त मंत्री ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों पर बढ़े सरचार्ज को वापस लेने का भी ऐलान किया था।
किन-किन बैंकों का हो रहा विलय –
पहला विलय पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का होगा। इसी तरह दूसरे विलय के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक एक हो जाएंगे। इसके अलावा केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक शामिल होगा। यहां बता दें कि बीते 5 सितंबर को पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के निदेशक मंडल ने विलय को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे भी दी है। बहरहाल, इस विलय के बाद देश में 12 PSBs बैंक रह जाएंगे. इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे।
वहीं ऑटो इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए कहा कि 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे। वहीं वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस पर राहत भी दी गई। यही नहीं, GST रिफंड में देरी से पैसों की कमी झेलने वाले कारोबारियों को राहत देते हुए कहा कि अब जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिनों के अंदर किया जाएगा।