चुनावी चंदा देने वाली फर्मों और जांच एजेंसियों की छापेमारी में कनेक्शन को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नकारा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश चुनाव आयोग द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चुनावी चंदा देने वालों की लिस्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद से शुरू हुई तमाम चर्चाओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी प्रकार की चर्चा अनुमानों पर आधारित है। वित्त मंत्री ने चुनावी चंदा और जांच एजेंसियों के छापे के कनेक्शन को कोरी कल्पना बताया है। वित्त मंत्री ने कहा, ईडी की छापेमारी के बाद पैसा दिया गया ये महज एक धारणा है। ये भी तो हो सकता है कि कंपनियों ने पैसा दिया हो, उसके बावजूद वहां ईडी की रेड पड़ी हो।

चुनावी चंदा मामले पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने सवाल उठाया कि क्या इससे पहले का सिस्टम फुलप्रूफ था। सीतारमण ने स्वीकार किया कि यह परफेक्ट सिस्टम नहीं है लेकिन पिछले सिस्टम से बेहतर है। उन्होंने कहा कि हमें इससे सीखने की जरूरत है। इसे लेकर नया कानून आएगा या नहीं, इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन इतना यह है कि हम इस सिस्टम को और पारदर्शी बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे। इलेक्टोरल बॉन्ड व्यवस्था पुराने सिस्टम से अलग था। इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बैंक अकाउंट्स में पैसा आता था।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष बेरोजगारी पर आरोप लगा रहा है, लेकिन जिन राज्यों में पहले उनकी सरकारें रहीं या अभी हैं, तो वहीं पर उन्हें इसकी एक झलक तो दिखानी चाहिए थी। भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये बस घूमते रहते हैं कि भारत को जोड़ो, भारत को न्याय दिलाओ, लेकिन खुद कुछ किया नहीं और कुछ करते भी नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैठो प्लान करो, केवल घूमते रहने से आखिर क्या होगा? क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स टेक-संचालित हैं और सीमा पार भुगतान पर असर डालती हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसी संपत्तियों के आसपास एक व्यापक नियामक ढांचे पर जी20 स्तर पर विचार किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘यदि एक देश रेगुलेट करता है और अन्य नहीं करते हैं, तो यह फंड को स्थानांतरित करने, राउंड-ट्रिपिंग या ड्रग्स या यहां तक कि आतंकवाद को वित्तपोषित करने का एक आसान तरीका होगा। वहीं शेयर बाजार पर बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने एक निश्चित स्तर की समझदारी बनाए रखी है। सीतारमण ने कहा, हमें इसे बाजार के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।

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