नई दिल्ली, 28 नवंबर 2024: दिल्ली में अब तक का पहला जापानी इंसेफ्लाइटिस (JE) का मामला सामने आया है, जो पश्चिमी दिल्ली के बिंदापुर क्षेत्र में दर्ज किया गया है। एमसीडी ने बुधवार को जारी एक नोटिस में बताया कि यह एक ‘आइसोलेटेड’ केस है और घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि सभी जरूरी स्वास्थ्य नीतियां लागू कर दी गई हैं। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और वेक्टर नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
जापानी इंसेफ्लाइटिस क्या है?
जापानी इंसेफ्लाइटिस एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फैलता है। यह वायरस जानवरों, पक्षियों और सूअरों से क्यूलेक्स मच्छरों के जरिए मानव में प्रवेश करता है। इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाले अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, यह बीमारी मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकती है, जिससे मरीज़ की हालत गंभीर हो सकती है और जान का भी खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
दिल्ली में पहला मामला सामने आने के बाद, एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी जारी की है और वेक्टर नियंत्रण के उपायों को और सख्त करने का आदेश दिया है। सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों (डीएचओ) और महामारी विज्ञानियों को इस मामले पर ध्यान देने और नागरिकों में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त उपायों को लागू किया जाएगा।
भारत में जापानी इंसेफ्लाइटिस
भारत में जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। 2018 से 2024 तक, असम राज्य में इस बीमारी के सबसे अधिक मामले सामने आए थे, जिससे कई लोगों की जान भी गई। इसके अलावा, बिहार, कर्नाटका, मणिपुर और मेघालय जैसे राज्यों में भी इस वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, दिल्ली में यह 2018 के बाद पहला मामला है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।
प्रदूषण से राहत
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अभी भी चिंता का विषय है, लेकिन थोड़ी राहत मिली है। हाल ही में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्तर 400 से नीचे गिरा है, जो कि पहले 500 से अधिक था। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के तहत, 1 दिसंबर तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से स्थिति का मूल्यांकन करने और सुधार के उपायों पर सुझाव देने का आदेश दिया है।
दिल्ली में जापानी इंसेफ्लाइटिस का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और उचित उपाय किए जा रहे हैं। वहीं प्रदूषण के स्तर में भी मामूली सुधार देखा गया है, लेकिन यह दोनों ही मुद्दे अभी राजधानी के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों को स्वच्छता और मच्छरों से बचाव के उपायों को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि इस बीमारी के फैलने को रोका जा सके।