18 वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई। इस सत्र के लिए संसद भवन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर में मीडिया को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने नवनिर्वाचित सदस्यों को चुनाव जीतने की बधाई दी। पीएम ने कहा कि इस सत्र में नई उमंग के साथ काम करेंगे। हमारा लक्ष्य विकसित भारत के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में आज का दिवस गौरवमय है। यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है। अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में हुआ करती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं।’
#WATCH | PM Narendra Modi says, "…The 18th Lok Sabha is starting today. The world's largest election was conducted in a very grand and glorious manner… This election has also become very important because for the second time after independence, the people of the country have… pic.twitter.com/bASHVtfh3S
— ANI (@ANI) June 24, 2024
श्रेष्ठ भारत का निर्माण करना लक्ष्य-PM
पीएम के संबोधन की बड़ी बातें
- संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है,यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी।
- कल 25 जून है, 50 साल पहले इसी दिन संविधान पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम कोशिश करेंगे कि देश में कभी भी ऐसी कालिख न लग सके।
- आज़ादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर मिला , यह अवसर 60 साल बाद आया है जो की गौरव की बात है।
- हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है।
- देश की जनता ने हमें तीसरी बार अवसर दिया है। हमारी जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है। इसलिए मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं कि अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम प्राप्त करेंगे।
- देश की जनता को नाटक, हंगामा नहीं चाहिए। देश को नारे नहीं चाहिए। देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए।
‘गीता के 18 अध्याय हैं’
पीएम ने आगे कहा, ‘जब हम 18 की बात करते हैं तो अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं, पुराणों-उपपुराणों की संख्या भी 18 है। आज हम 24 जून को मिल रहे हैं। कल 25 जून है जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, जो काला धब्बा लगा था, उसको 50 साल हो जाएंगे।’