चंडीगढ़: हरियाणा के दो जिलों के तीन दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी जमा होने के बाद, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा के लिए अधिकारियों को एक विशेष ‘गिरदावारी (राजस्व समीक्षा)’ करने के निर्देश दिए.
प्रशासन ने शनिवार को यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से 600,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुनानगर जिले के 30 गांवों और करनाल जिले के 10 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया. यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
यमुनानगर शहर के बाहरी इलाके में स्थित मंडी गांव के एक निवासी जुबैर खान ने एक समाचार चैनल से कहा, “सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है. शनिवार रात अचानक जलस्तर बढ़ने से राशन और घर के सामान बर्बाद हो गए.”
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खान ने कहा, “मवेशियों के लिए चारा नहीं है. सरकार ने हमें गांव छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन हम हमारे मवेशियों की वजह से यहां से नहीं जा सकते.” यमुनानगर के उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने कहा कि भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को राहत व बचाव कार्य के लिए अलर्ट पर रखा गया है.
अधिकारियों ने कहा कि नदी के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से यमुना जलग्रहण क्षेत्रों में रहने वालों को वहां से सुरक्षित निकाला गया है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है. प्रशासन ने हथिनीकुंड से इस दौरान ज्यादा पानी छोड़ा है.
यमुनानगर प्रशासन ने जिला मुख्यालयों और सभी ब्लॉकों में त्वरित कार्रवाई के लिए बाढ़ नियंत्रण कार्यालय की स्थापना की है. राज्य में बाढ़ से फिलहाल किसी के भी मारे जाने की खबर नहीं है.