लखनऊ: प्रदेश के पूर्वी जिलों में बीती रात आंधी, पानी व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ओला गिरने से किसानों की तैयार फसल नष्ट हो गयी, जिससे किसान तबाह हो गया है। प्रदेश के कई हिस्सों में शनिवार शाम से ही तेज हवाएं चलने लगी थीं। प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के कई जिलों में इसका ज्यादा ही असर देखने को मिला। देवीपाटन मंडल के गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती जिलों के अलावा बस्ती और सिद्धार्थनगर जिलों में शनिवार शाम को बिगड़े मौसम ने जमकर कहर बरपाया। यहां धूल भरी आंधी से शहरी क्षेत्र में होर्डिग और बैनर के अलावा टीन शेड दूर जा गिरे जबकि कई कच्चे मकानों की छत पर बिछी फूस हवा में तैरने लगी।
आंधी के बाद गरज चमक के साथ बारिश शुरू हो गयी और कुछ स्थानों पर ओले गिरे। चारों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई और जमकर ओले गिरे। मौसम के बदले मिजाज से गेंहू, अरहर व सरसों समेत कई फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। कच्चे आम की टिकोरी भी गिर गयीं। इसके साथ ही टमाटर, लीची और केला की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। आंधी से कई गरीब परिवारों के फूस के मडहें और छप्पर उड़ जाने से लोगों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। बलरामपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है।
सिद्धार्थनगर जिले में तेज बारिश और ओले पड़ने से गेहूं और आम की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बस्ती में बीती रात गरज-चमक के साथ ओला पड़ने से गेंहू, अरहर, आम, लीची, केला, टमाटर की फसलों को भारी क्षति पहुंची हैं। तेज आंधी बर्षा से कई स्थानों पर पेड़ की डालियां टूट गयी हैं। जिलाधिकारी डा. राजशेखर ने जिले के सभी उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों और लेखपालों को ओलावृष्टि से हुए क्षति का आकलन करके रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि क्षति की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।