हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। यह दुखद घटना बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे हुई, जब ओम प्रकाश चौटाला को अस्पताल लाया गया था। उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के कुछ घंटे बाद, दोपहर 12 बजे के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। चौटाला के निधन से हरियाणा और देश की राजनीति में गहरी शोक लहर है। ओम प्रकाश चौटाला सात बार विधायक रहे, जबकि वह पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बने थे।
चौटाला का जन्म और परिवार
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे। उनके पिता चौधरी देवीलाल ने हरियाणा राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बाद में वह राज्य के मुख्यमंत्री और भारत के उप प्रधानमंत्री भी बने थे। ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक सफर उनके पिता की छांव में शुरू हुआ और उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक धारा को आगे बढ़ाया।
चौटाला का राजनीतिक सफर
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक सफर 1970 में विधानसभा चुनाव जीतने से शुरू हुआ था। इसके बाद वह राज्यसभा में भी पहुंचे। 1989 में, 7 दिसंबर को उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री का पद संभाला, लेकिन उनका पहला कार्यकाल केवल 171 दिनों तक ही सीमित रहा। इसके बाद, जुलाई 1990 में उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इस बार भी उनका कार्यकाल महज पांच दिन चला। इसके बाद मार्च 1991 में उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन यह कार्यकाल भी केवल 14 दिन रहा।
एक साल बाद, 24 जुलाई 1999 को चौटाला चौथे बार मुख्यमंत्री बने। इस बार उनका कार्यकाल लगभग चार महीने तक रहा, जिसके बाद दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी। फिर 2 मार्च 2000 को उन्होंने पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद संभाला और इस बार वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे।
शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा
हालांकि, उनके राजनीतिक सफर में विवाद भी रहे। 2013 में उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। यह उनके करियर का एक काला अध्याय था, लेकिन इसके बावजूद उनका राजनीतिक प्रभाव और कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक था।
ओम प्रकाश चौटाला की राजनीति में भूमिका
चौटाला ने अपने कार्यकाल में हरियाणा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई योजनाएं लागू की। उनका राजनीति में काम करने का तरीका हमेशा से जमीन से जुड़ा हुआ था। सत्ता में रहते हुए या विपक्ष में, उनका राजनीतिक दृष्टिकोण हमेशा से किसानों और ग्रामीण समुदायों के प्रति संवेदनशील था। उन्हें हरियाणा में सबसे सक्रिय और प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता था। उनकी भाषण शैली और नीति हमेशा जनहित में होती थी, जिससे उन्हें जनता का व्यापक समर्थन मिलता था।
राजनीतिक परिपेक्ष्य में ओम प्रकाश चौटाला की पहचान
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक सफर न केवल उनके लिए, बल्कि हरियाणा के राजनीति के लिए भी अहम था। उनके नेतृत्व में इनेलो पार्टी ने हरियाणा में महत्वपूर्ण चुनावी सफलता हासिल की थी। वे एक ऐसे नेता थे जिनकी पहचान उनकी जनता से नजदीकी और समझदारी से थी। ओम प्रकाश चौटाला का समर्पण और राज्य के विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता हरियाणा के लोगों के बीच हमेशा सम्मानित रही।
राजनीतिक हस्तियों की प्रतिक्रियाएं
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शोक जताते हुए कहा कि इनेलो के सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने जीवन भर प्रदेश और समाज की सेवा की और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी चौटाला के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन दुखद है। उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कठिन समय में हम उनके परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जताया दुख
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम दोनों कांग्रेस और विधानसभा में लंबे समय तक साथ रहे। उनका व्यक्तित्व और जनता की सेवा को हम हमेशा याद रखेंगे। हम अच्छे दोस्त थे और उनके साथ मेरे रिश्ते हमेशा सुसंगत रहे। वे मेरे बड़े भाई जैसे थे।”