बरेली: सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य वीरपाल सिंह यादव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेज दिया है. अखिलेश को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि मुलायम सिंह यादव जी ने जिन सिद्घांतों को लेकर पार्टी बनाई थी वह अब उस रास्ते से भटक गई है.
पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल
इस्तीफे में वीरपाल सिंह ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि, “हम पिछले 20 महीनों से भाजपा की षड़यंत्रकारी नीतियों का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. भाजपा के लोगों ने बरेली जनपद में भगवा धारण कर कांवड़िया बनकर न सिर्फ एक समुदाय को बल्कि आम लोगों को भी परेशान किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने जनपद के ग्राम खैलम व उमरिया में जमकर उत्पात मचाया, लेकिन उनका हालचाल लेने कोई सपा का नेता नहीं आया.”
ये भी पढ़ें- चाचा शिवपाल के दोनों हाथों में लड्डू, कुछ इस तरह बिगाड़ेंगे भतीजे का खेल !
अपने पत्र में दर्द बयां करते हुए वीरपाल ने लिखा कि, “जब मैं ग्रामीणों का हालचाल लेने गया और कांवड़ियों की हकीकत बयान की तो मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई. इस दौरान किसी पार्टी पदाधिकारी ने मेरा पक्ष लेना तो दूर मुझे फोन तक नहीं किया. जब मुझे पार्टी में रहकर कोई सहयोग नहीं मिल रहा है तो मैं पार्टी में रहकर क्या करूंगा.”
कई समर्थकों ने भी सपा छोड़ी
वीरपाल सिंह के साथ उनके कई समर्थकों ने भी सपा से त्याग पत्र दे दिया. इनमें जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन मलखान सिंह यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष डॉक्टर खालिद, जिला पंचायत सदस्य राजकुमार यादव, जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर किशन लाल यादव समेत करीब 50 सपा कार्यकर्ता शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- नीरव, माल्या से दोस्ती और हम पर रेड? मंत्री के घर आईटी रेड के बाद भड़के केजरीवाल
रुहेलखंड के बड़े नेता हैं वीरपाल
वीरपाल सिंह की पूरे रुहेलखंड मंडल समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ है. मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी होने के कारण एक समय पार्टी में उनकी तूती बोलती थी. बरेली में वीरपाल यादव 21 साल जिलाध्यक्ष के पद पर रहे. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में हुई घरेलू कलह का खमियाजा उन्हें भी भुगतना पड़ा. इसके बाद उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटाते हुए शुभलेश यादव को कमान सौंप दी गई.
अब कहां जाएंगे वीरपाल सिंह ?
सपा छोड़ने के बाद वीरपाल सिंह के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है. फिलहाल उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वीरपाल ने सिर्लफ इतना कहा कि वो किसी सेक्युलर पार्टी में शामिल होंगे. वैसे उन्हें सपा के संरक्षक मुलायम सिंह का काफी करीबी माना जाता है. शिवपाल सिंह यादव से भी उनकी नजदीकी है. माना जा रहा है कि वीरपाल अब अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के सेक्युलर मोर्चा के साथ जुड़ेंगे.