G-7 Summit 2025 Security Lapse: 51वां G7 शिखर सम्मेलन 15 से 17 जून तक अल्बर्टा के कनानास्किस में हो रहा है। पूरी दुनिया की नजर G7 शिखर सम्मेलन पर है। इस शिखर सम्मेलन की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। G7 शिखर सम्मेलन के लिए अल्बर्टा में नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। इस नो-फ्लाई जोन में एक निजी विमान के घुसने से हड़कंप मच गया है। कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए कड़े सुरक्षा इंतजामों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
लड़ाकू विमानों ने निजी विमान को रोका
अल्बर्टा के कनानास्किस कंट्री में नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है। एक निजी विमान नो-फ्लाई जोन (G-7 Summit 2025 Security Lapse) में घुस गया। जैसे ही यह घटना हुई, उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड ने विमान को रोकने के लिए CF-18 हॉर्नेट फाइटर जेट का इस्तेमाल करके विमान को घेर लिया। विमान को एक रिजर्व एयरबेस पर उतरने के लिए मजबूर किया गया। विमान के पायलट से फिलहाल पूछताछ की जा रही है।
G-7 समिट को लेकर कैलगरी और कनानास्किस में उड़ान प्रतिबंध
बता दें कि, 51वें G-7 शिखर सम्मेलन को लेकर शनिवार सुबह से कैलगरी और कनानास्किस दोनों के हवाई क्षेत्र में अस्थायी प्रतिबंध लागू है। कनानास्किस नो-फ्लाई ज़ोन की परिधि 30 समुद्री मील है। कैलगरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास नो-फ्लाई जोन की परिधि 20 समुद्री मील है। मंगलवार की मध्यरात्रि तक दोनों स्थानों पर प्रतिबंध लागू रहेंगे।
कनाडा ने 7वीं बार की G-7 की अध्यक्षता
इस साल कनाडा ने 7वीं बार G-7 की अध्यक्षता संभाली है। जिसमें यूरोपीय संघ के साथ-साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेता एक मंच पर जुटे हैं। जी7 के मेजबान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने G-7 बैठक से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक की। कार्नी ट्रंप के साथ व्यापार और सुरक्षा पर समझौता करने के लिए उत्सुक हैं। वह चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति कनाडा के इस्पात, एल्यूमीनियम और ऑटो उद्योग पर कड़े टैरिफ हटा दें। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को विशेष रूप से आमंत्रित किया है, भले ही भारत G-7 का सदस्य नहीं है। पीएम मोदी लगातार छठी बार G-7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।