गाजा संकट: युद्ध और भूख से तबाह हो रहे लोग, शांति की उम्मीदें धुंधली

इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध ने गाजा पट्टी को खौ़फनाक संकट में धकेल दिया है। एक तरफ़ जहां युद्ध ने बर्बादी का माहौल बना दिया है, वहीं दूसरी ओर लाखों लोग भूख, पानी की कमी और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं। गाजा में इस समय जो स्थिति है, वह किसी नर्क से कम नहीं है। पिछले एक साल में गाजा की हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि लाखों लोग अपनी जिंदगी की बुनियादी जरूरतों से भी वंचित हो चुके हैं।
गाजा में बढ़ता हुआ संकट
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में 44,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 1,04,268 लोग घायल हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, जो इस युद्ध के सबसे बड़े शिकार बने हैं। इजरायल सेना का दावा है कि उसने 17,000 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है, लेकिन सच्चाई यह है कि आम नागरिक इस संघर्ष में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
भूकमरी और पानी की कमी
गाजा में लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और अस्थायी शिविरों में जीवन यापन कर रहे हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है और लोग भूख से त्रस्त हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, गाजा की तीन-चौथाई आबादी अब भोजन सहायता पर निर्भर हो चुकी है। लोगों को पानी और दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी जिंदगी और भी कठिन हो गई है।
भूख से जूझती यास्मीन की कहानी
गाजा के एक शरणार्थी कैंप में रहने वाली यास्मीन ईद अपनी दर्दनाक स्थिति के बारे में बताती हैं, “मेरी बेटियां भूख से परेशान हो जाती हैं, और वे ठीक से सो भी नहीं पातीं।” यास्मीन अब तक पांच बार अपना घर छोड़ चुकी हैं और अब एक गंदे शिविर में रह रही हैं, जहां सहायता समूह भी मुश्किल से ही पहुँच पाते हैं। वह कहती हैं, “हमारे पास न तो खाना है और न ही किसी तरह की मदद पहुंच रही है।” यहां के लोग पहले से ही कठिन परिस्थितियों में जी रहे हैं और अब युद्ध ने उनकी जिंदगी को और भी बदतर बना दिया है।
महामारी की तरह फैल रहा संकट
गाजा में स्थित बेकरी जो पहले स्थानीय लोगों का सहारा हुआ करती थी, अब कई दिनों से बंद पड़ी है। इससे यहां के लोगों के लिए रोटी भी जुटाना मुश्किल हो गया है। यास्मीन के पति हानी कहते हैं, “हम जो झेल रहे हैं, उस बारे में बात करना भी शर्मनाक है। मुझे इस बात की शर्म आती है कि मैं अपने परिवार के लिए आटा तक नहीं ला सकता।”
इजरायल की नाकेबंदी और मानवीय सहायता की कमी
इजरायल द्वारा लगाए गए नाकेबंदी के कारण गाजा में आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचाने में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। 2024 में औसतन केवल 69 सहायता ट्रक गाजा पहुंच रहे हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 500 थी। इसका नतीजा यह है कि गाजा में खाद्य आपूर्ति का 83% हिस्सा नहीं पहुंच पा रहा है। साथ ही, चिकित्सा सामग्री, जैसे इंसुलिन और रक्त आपूर्ति की भारी कमी हो गई है। गाजा के अस्पतालों की हालत भी बेहद खराब है, जहां केवल 1,500 बेड ही काम कर रहे हैं, जबकि पहले 3,500 बेड थे।
शांति की उम्मीदें धुंधली
हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम के लिए दबाव बना रहा है, लेकिन कोई ठोस परिणाम अब तक सामने नहीं आया है। हमास ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक युद्ध समाप्त नहीं होता, वे बंधकों की रिहाई के लिए तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर, इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म करने का पक्षधर है। हाल ही में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्धविराम के प्रस्ताव पर वीटो किया, जिससे शांति की उम्मीदें और भी कम हो गई हैं। साथ ही, लेबनान में भी इजरायल और हिजबुल्ला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जो इस संघर्ष को और भी जटिल बना रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles