उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक बड़ा बदलाव हुआ है। गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में तुराब नगर बाजार का नाम बदलकर ‘सीताराम बाजार’ रखने का प्रस्ताव पास हो गया है। इसके साथ ही, शहर के पकौड़ा चौक का नाम भी बदलकर ‘अयोध्या चौक’ कर दिया गया है। ये फैसला 7 मार्च 2025 को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में लिया गया।
क्या है तुराब नगर बाजार?
तुराब नगर बाजार गाजियाबाद के वार्ड 88 में स्थित है। ये बाजार अम्बेडकर रोड और रमतेराम रोड के बीच में है। यहां महिलाओं और बच्चियों के लिए श्रृंगार का सामान, शादी के कपड़े और दैनिक उपयोग की चीजें मिलती हैं। इस बाजार की खासियत ये है कि यहां दूसरे राज्यों और जिलों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं।
पार्षद नीरज गोयल ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में इस बाजार को ‘पूर्वी इस्माइल खा’ के नाम से जाना जाता है, लेकिन स्थानीय लोग इसे तुराब नगर बाजार के नाम से पुकारते हैं।
तुराब नगर का मतलब क्या है?
नीरज गोयल ने बताया कि ‘तुराब’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है मिट्टी, पृथ्वी, सूखी मिट्टी या खाक जमीन। उन्होंने कहा कि हिंदी में ‘तुराब नगर’ का कोई मतलब नहीं है और न ही ये शब्द स्थानीय लोगों को पसंद है। इसलिए, बाजार का नाम बदलकर ‘सीताराम बाजार’ रखने का प्रस्ताव रखा गया।
क्यों बदला गया नाम?
पार्षद नीरज गोयल ने बताया कि सीताराम बाजार नाम रखने से बाजार की प्रसिद्धि और शुद्धता बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “यहां महिलाओं और बच्चियों के लिए श्रृंगार का सामान और शादी के कपड़े बिकते हैं, जो बहुत शुभ है। इसलिए, इस बाजार का नाम सीताराम बाजार रखना उचित है।”
इसके अलावा, बाजार के बीच में स्थित पकौड़ा चौक का नाम भी बदलकर ‘अयोध्या चौक’ कर दिया गया है। ये फैसला स्थानीय लोगों की मांग और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखकर लिया गया है।
बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव
7 मार्च 2025 को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। पार्षद नीरज गोयल ने कहा, “महापौर और सभी पार्षदों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। ये फैसला स्थानीय लोगों की भावनाओं और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखकर लिया गया है।”
स्थानीय लोगों की क्या है प्रतिक्रिया?
स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एक दुकानदार ने कहा, “तुराब नगर नाम से हमें कोई लगाव नहीं था। सीताराम बाजार नाम ज्यादा अच्छा लगता है। ये नाम हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।”
एक अन्य निवासी ने कहा, “पकौड़ा चौक का नाम बदलकर अयोध्या चौक करना बहुत अच्छा फैसला है। ये नाम हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है।”
नाम बदलने की प्रक्रिया क्या है?
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, नाम बदलने की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है। सबसे पहले, नए नाम को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा। इसके बाद, बाजार और चौक के सभी साइनबोर्ड और दस्तावेजों को अपडेट किया जाएगा।