गाजीपुर की सरकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद और बीज के लिए कुल 5671 किसानों को करीब 10 करोड़ 44 लाख रुपए का कर्ज दिया गया था। अब ये किसान समय पर कर्ज चुकाने में असफल हो रहे हैं, जिससे सहकारिता विभाग ने कर्ज न चुकाने पर नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। विभाग अब 5% संग्रह शुल्क के साथ वसूली की प्रक्रिया भी शुरू कर रहा है। वहीं, किसान कर्ज माफी योजना की आस लगाए हुए हैं, जिससे वे अपने कर्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं।
कर्ज माफी का सपना
किसान कर्ज माफी योजना की ओर देख रहे हैं, और यही वजह है कि वे अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर रहे हैं। अब यह कर्ज बढ़कर 11 करोड़ के करीब पहुंच गया है। किसानों की यह धारणा है कि यदि सरकार उनकी सहायता करेगी तो वे कर्ज चुकाने में सक्षम होंगे।
कर्ज देने की प्रक्रिया
सहकारिता विभाग द्वारा खेती में सहूलियत देने के लिए समितियों के माध्यम से कर्ज दिया जाता है। यह कर्ज जोत और फसल के आधार पर दिया जाता है, ताकि किसान अपने खेतों के लिए खाद, बीज और अन्य जरूरी चीजें खरीद सकें। फसल कटने और बिकने के बाद किसान कर्ज का भुगतान कर सकते हैं। खरीफ और रबी सीजन 2023-24 में सहकारिता विभाग की ओर से हजारों किसानों को कर्ज दिया गया था। कुछ किसानों ने अपने कर्ज चुका दिए हैं, लेकिन अब भी 5617 किसान ऐसे हैं जिनके ऊपर 10 करोड़ 44 लाख रुपए का बकाया है।
नोटिस का असर
सहकारी समितियों ने कर्ज चुकाने के लिए किसानों से संपर्क किया, लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब, विभाग ने कर्ज न चुकाने वाले किसानों के खिलाफ 95 क के तहत नोटिस जारी किया है। एआर कोऑपरेटिव अंशुल कुमार के अनुसार, किसानों के कर्ज का भुगतान न होने की स्थिति में ब्याज अनुदान मिलने की सुविधा भी समाप्त हो जाएगी।
खेती की स्थिति
गाजीपुर में खेती की स्थिति की बात करें तो, यहाँ गेहूं, जौ, दलहन, तिलहन, आलू और धान जैसी फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इन फसलों के लिए समय-समय पर सिंचाई, बीज और उर्वरक की जरूरत होती है। ऐसे में सहकारी समितियों से मिलने वाला कर्ज किसानों के लिए जीवनरेखा साबित होता है।
इसलिए, किसानों की मौजूदा स्थिति और कर्ज माफी की आस ने गाजीपुर में कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दी है, जहां किसान अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।