उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक ठग ने पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल करके एक महिला से नौकरी दिलाने के नाम पर 2 लाख 40 हजार रुपये ठग लिए। यह मामला दुल्लहपुर इलाके का है, जहां आरोपी खुद को कांस्टेबल बताकर महिला को ठगता था। इस धोखाधड़ी का मामला पहले से ही पुलिस के रडार पर था, और हाल ही में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
महिला से ठगी का खेल
पीड़िता ने बताया कि ठग, वीरेंद्र यादव, पुलिस की वर्दी में उसके सामने आता था और जलालाबाद चौकी का कांस्टेबल बनकर नौकरी दिलाने का वादा करता था। उसके इस रूप-रंग से महिला को भरोसा हो गया और उसने उसे पैसे दे दिए। कुछ समय बाद, जब महिला को नौकरी नहीं मिली, तो उसने वीरेंद्र से पैसे वापस मांगे। तब ठग ने उसे झूठे आश्वासन देकर परेशान करना शुरू कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई
15 सितंबर को महिला ने वीरेंद्र के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। गाजीपुर-मऊ सीमा पर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान वीरेंद्र पर नजर डाली और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले में कहा कि वीरेंद्र पहले भी धोखाधड़ी के मामले में शामिल रहा है और अब उसे सख्त सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
महिला का साहस
महिला ने अपनी स्थिति को लेकर हिम्मत नहीं हारी और अंततः पुलिस से मदद मांगी। उसकी यह पहल इस बात का उदाहरण है कि ठगों के खिलाफ कैसे एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया और आरोपी को सलाखों के पीछे डाल दिया।
समाज में बढ़ती ठगी की घटनाएं
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में ठगी की बढ़ती घटनाओं को उजागर किया है। पुलिस की वर्दी, जो लोगों की सुरक्षा के लिए होती है, अब ठगी का एक माध्यम बन गई है। ऐसे मामलों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमेशा सत्यापन करने और किसी भी तरह के लालच से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
इस पूरे मामले में पुलिस ने न केवल आरोपी को गिरफ्तार किया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने यह भी दिखाया है कि सच्चाई और न्याय के लिए लड़ने वाले लोगों को कभी हार नहीं माननी चाहिए।