केदारनाथ धाम में भोले बाबा के मंदिर के शीर्ष पर स्वर्णमंडित कलश लगाने के लिए श्रद्धालुओं ने श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति से संपर्क किया है। महाराष्ट्र और गुजरात के तीन शिवभक्तों ने 5 से 7 किलो तक वजनी कलश को मंदिर के शीर्ष पर लगाने की इच्छा जताई है। यह कलश पुराने कलश की आकृति की प्रतिमूर्ति होगा। मंदिर समिति जल्द इन लोगों से वार्ता कर औपचारिकताएं पूरी करेगी।
केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों को मंदिर समिति ने पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग और सरकार की अनुमति से स्वर्णमंडित कराया था। इसके लिए मुंबई के एक हीरा कारोबारी ने दान दिया था। अब केदारनाथ मंदिर के शीर्ष पर त्रिभुजाकार स्वर्ण मंडित कलश लगाया जाएगा। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि 28 साल के लंबे अंतराल के बाद मंदिर में नया त्रिभुजाकार स्वर्ण मंडित कलश सुशोभित किया जाएगा। इसके लिए पंचांग गणना से दिन और मुहूर्त तय किया जाएगा।
एक दिन पहले ही केदारनाथ धाम में मंदिर से करीब ढाई सौ मीटर पहले गोल प्लाजा पर ओम की आकृति को स्थापित करने का सफल ट्रायल किया गया है। गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांसे की भव्य ओम की आकृति को स्थापित किया जाना है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस काम में जुटा हुआ है। जल्द ही इसे स्थाई रूप से स्थापित कर दिया जाएगा। इसे गुजरात के वडोदरा में बनाया गया है।
ओम की आकृति को सुरक्षित करने के लिए इसके चारों तरफ तांबे की वेल्डिंग की जाएगी। आकृति के मध्य हिस्से के साथ किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, ताकि बर्फबारी से इसे नुकसान न पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ को भव्य रूप देने के लिए काम जोर-शोर से चल रहा है।