गुड फ्राइडे स्पेशल: आखिर क्यों दी गई थी ईशा को फांसी, और क्या है गोलगाथा, एक नजर

गुड फ्राइडे ईसाईयों का त्यौहार माना जाता है. लेकिन अगर हम इसकी सच्चाई और इतिहास में जाएं तो इसे शोक दिवस के रूप में जाना जाता है. आज 19 अप्रैल है और आज के दिन पूरे देश में गुड फ्राइडे मानाया जा रहा है. बता दें कि कई सारी शारीरिक प्रताड़ना और यातनाएं देने के बाद रोम के शासक ने ईशा को सूली पर चढ़ा दिया था. गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक डे, ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी पहचाना जाता है. चलिए जानते है क्या है इस दिन का पूरा इतिहास-

ईसा ने दिया लोगों को मानवता का उपदेश-

कहा जाता है कि 2000 साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा लोगों को मानवता,एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे. उनके उपदेशों से प्रभावित होकर वहां के लोगों ने उन्हें ईश्वर मानना शुरू कर दिया. इस बात से वहां धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरु उनसे चिढ़ने लग गए.

सूली पर चढ़ाए गए थे प्रभु यीशु

लोगों के बीच ईसा की बढ़ती लोकप्रियता वहां के ढोंगी धर्मगुरुओं का अखरने लगी. उन्होंने ईसा की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से कर दी. उन्होंने पिलातुस को बताया कि खुद को ईश्वरपुत्र बताने वाला यह युवक पापी होने के साथ ईश्वर राज की बातें भी करता है.
शिकायत मिलने के बाद ईसा पर धर्म की अवमानना के साथ राजद्रोह का आरोप लगाया गया. इसके बाद ईसा को क्रूज पर मत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया. कोड़ें-चाबुक बरसाने और कांटों का ताज पहनाने के बाद कीलों से ठोकते हुए सूली पर लटका दिया गया. बाइबल की मानें तो ईसा को जिस जगह सूली पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा है.

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