गूगल ने डूडल बनाकर मशहूर चित्रकार मुरिलो को किया याद
स्पेन के मशहूर चित्रकार बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो की आज 400वीं जयंती है. गुगल ने स्पेनिश पेंटर बारतोलोमिओ का गूगल डूडल बनाकर उन्हें समर्पित किया है. मुरिलो का जन्म दिसंबर 1617 में स्पेन के सविले शहर में हुआ था.
‘टू विमेन एट अ विंडो’ मुरिलो की सबसे मशहूर पेटिंग है.गूगल ने इसी को अपना डूडल बनाया है. इस पेंटिग को साल 1655 में बनाया गया था. वर्तमान में यह पेंटिंग अमेरिका के वाशिंगटन में नेशनल गैलरी ऑफ आर्ट में संग्रहित है.
‘टू विमेन एट अ विंडो’ की खास बातें
‘टू विमेन एट अ विंडो’ की खास बात है कि इसमें दो महिलाएं दिख रही हैं. जिनमें से एक वृद्ध है जबकि दूसरी नौजवान है. पेंटिंग में दिख रहा है कि वृद्ध महिला खिड़की से बाहर दृश्य देखते हुए हंस रही है और मुहं को कपड़े से ढका हुआ है. वहीं नौजवान महिला भी खिड़की से बाहर का नाजार देख रही है और उसकी आंखों में चमक है. तस्वीर में दिखाया गया हैं कि दोनों बाहर के वातावरण में शामिल होना चाहती है. बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो ने कई ऐसी पेंटिंग बनाई हैं,जिनको आज भी याद किया जाता है.
मुरिलो से जुड़ी बातें
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मुरिलो का बचपन गरीबी में बीता था. उनके पिता नाई और सर्जन थे. मुरिलो ने अपने अंकल से पेंटिंग सीखी. मुरिलो बचपन में जो भी पेंटिंग बनाते थे वो मेले में बेच देते थे. जिसके बाद उनको देखा-देखी कई पेंटर मेंले में पेंटिंग बेचने लगे. मुरिलो ने मेले में पेंटिंग बेचने का काम जवानी तक किया.
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मुरिलो पहले धार्मिक विषयों पर पेंटिंग बनाते थे. जिसकी लोग काफी प्रशंसा करते थे. लोग उनकी पेंटिंग को बहुत पसंद करते थे. उन्होंनें सफलता बहुत जल्द हासिल कर ली थी.
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1645 में मुरिलो वर्ल्ड फेमस हो गए. मुरिलो रोजमर्रा के जीवन पर पेंटिंग बनाने लगे. जिसको पसंद किया जाने लगा. वो स्पेन के एंडालुसियन के जीवन को पेंटिंग के जरिए दिखाते थे.
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एक वक्त ऐसा आया कि मुरिलो इतने प्रसिद्ध हो गए कि एक राजा ने उनकी आर्ट वर्क पर रोक लगा दी. मुरिलो स्पेन के बाहर कभी नहीं गए.
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साल 1682 मुरिलो का निधन हो गया. उनकी ज्यादातर पेंटिंग्स सेंट पीटर्सबर्ग के म्यूजियम में रखी हई हैं और वर्ल्ड फेमस ‘टू विमेन एट अ विंडो’ पेंटिंग वाशिंगटन में नेशनल गैलरी ऑफ आर्ट के संग्रह में है.गूगल डूडल पर दिख रही मुरिलो की पेंटिंग पर क्लिक करने से उनसे जुड़ी कहानियों का पेज खुल जाएगा.