इस व्यक्ति को तपस्या करते हुए आई ‘भारत रत्न’ मांगने की आवाज, आयुक्त को लिख दिया पत्र

तपस्या करते हुए आई ‘भारत रत्न’ मांगने की आवाज,

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाले विनोद कुमार गौड़ ने वहां के आयुक्त को इस बाबत एक पत्र लिखा है, जिसमें खुद को भारत रत्न देने की मांग की गई है। जानकारी के मुताबिक ये मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के सदर क्षेत्र का है. यहां 39 वर्षीय विनोद कुमार गोंड ने  कहा है कि उसकी अंतरात्मा की आवाज ने उसे आदेश दिया है कि मुझे भारत रत्न चाहिए। ये बात सुनने में जितनी अजीब है, उससे भी ज्यादा अजीब ये है कि शख्स के पत्र को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बाकायदा मुहर लगाकर राष्ट्रपति भवन तक भी पहुंचा दिया है।

इस पत्र में प्रार्थी ने विषय में लिखा है ‘भारत रत्न से सम्मानित होने के संबंध में प्रार्थना पत्र।’ पत्र का मसौदा कुछ यूं है, इसमें लिखा गया है कि “तीस सितंबर को संध्या वंदन से पूर्व मैं बैठकर तपस्या कर रहा था कि अचानक मेरे अंत:करण से मुझे भारत रत्न चाहिए, मुझे भारत रत्न चाहिए की आवाज बहुत तीव्र गति से उत्पन्न होने लगी। अत: आप श्रीमान जी से निवेदन है कि प्रार्थी की समस्त मनोकामना पूर्ण व भारत रत्न से सम्मानित करने की कृपा करें।’ खास बात ये है कि इस पत्र को गोरखपुर जिलाधिकारी, तहसीलदार, मुख्य विकास अधिकारी, जॉइंट मजिस्ट्रेट सदर सहित अपर आयुक्त की संस्तुति भी मिल चुकी है। पत्र पर इन अधिकारियों के दस्तखत और सील लगी है। बहरहाल, ये पत्र अपने आप में एक नमूना है और सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि पत्र लिखने वाले व्यक्ति को अंत:करण की आवाज पर भारत रत्न मिलने से तो रहा, लेकिन इसके बाद वो मशहूर जरुर हो गया है।

इस व्यक्ति ने मांगा 'भारत रत्न', तपस्या के दौरान अंत:करण से उठी आवाज के बाद आयुक्त को लिखा पत्र

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी दावा किया है कि राष्ट्रपति भवन ने उनके इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है. विनोद ने कहा है कि हमने वही किया जो हमें करना था. हमें भारत रत्न मिलेगा या नहीं? यह भगवान के हाथ में है. इससे पहले मुझे राष्ट्रपति भवन से भी फोन आया था. उन्होंने कहा था कि मैं पुरस्कार के लायक नहीं हूं और मुझे इसकी मांग नहीं करनी चाहिए।

अब इस मामले में अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. विनोद कुमार गोंड का अजीबोगरीब सपना, अधिकारियों द्वारा इस संबंध में पत्र पर अपनी सहमति देकर उसे राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाना अपने आप में आश्चर्य की बात है. पत्र पर अधिकारियों के हस्ताक्षर और कार्यालय की मुहर भी लगाई गई हैं. इस पत्र के बारे में गोरखपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी संजय कुमार मीणा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

Previous articleजम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ एनकाउंटर, दो जवान शहीद
Next articleXiaomi ने लांच किया ये दमदार फोन, कीमत बेहद कम…