वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिये ये एप इस्तेमाल करते हैं…तो हो जाएं सावधान…हैकर चुरा सकता है डाटा

कोरोना वायरस के घातक प्रहार के बीच सरकार ने चाइना की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप ZOOM एप को लेकर एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए आज कल धड़ल्ले से इस्तेमाल की जाने वाली एप ZOOM सुरक्षित नहीं है।

लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में हैं और एक दूसरे से बात करने के लिए जूम एप को लगातार डॉउनलोड कर रहे हैं। आज कल सारे काम काज घरों में बैठकर ही किए जा रहे हैं और लोग दोस्तों से बातें करने के साथ, ऑफिस ग्रुप कॉलिंग भी इसी जूम एप से कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये एप आपकी प्राइवेसी के साथ आपके डाटा पर भी एटैक कर सकते हैं। एडवायजरी में सरकारी अधिकारियों से इस एप को इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत देते हुए इसकी खामियों को गिनाया है।

सरकार की ओर से ये एडवायजरी राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम ऑफ इंडिया (CERT-in) की ओर से जारी की गई है।

गृह मंत्रालय की एडवायजरी में इस एप की कुछ सेटिंग्स चेंज करने को कहा है, क्या है ये सेटिंग देखते हैं….

-सरकार ने कहा है कि हर सरकारी मीटिंग के लिए एक नया यूजर आईडी और कोई पासवर्ड बनाएं।

-वेटिंग रूम’ फीचर ऑन करने को कहा गया है। ऐसा करने से लोग तभी एंट्री कर पाएंगे जब होस्ट अनुमति देगा।

-मीटिंग ज्वॉइन करने के बाद होस्ट फीचर ऑफ कर दें। ऐसा करने से कोई भी यूजर होस्ट की अनुमति के बिना मीटिंग में एंट्री नहीं कर पाएगा।

-स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ऑनली फीचर ऑन रखें।

-अलो रिमूव्ड पार्टिसिपेंट्स टू री-ज्वॉइन फीचर को बंद कर दें।

-अगर जरूरत न हो, तो फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद कर दें।

-रिकॉर्डिंग फीचर ऑफ रखें।

-अगर आप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो मीटिंग को सिर्फ छोड़े नहीं, उसे बंद करें।

-अल्टर्नेटिव होस्ट स्क्रीन शेयरिंग सेटिंग्स को होस्ट ओनली में करने के लिए कहा गया है।

-रिमूव करने वाले गेस्ट को दोबारा ज्वॉइन करने की परमिशन नहीं दिए जाने की एडवाइज दी गई है।

-जब सभी लोग ज्वॉइन कर लेते हैं तो गुप्र को लॉक करने की सलाह दी गई है

-इसके अलावा रिकॉर्डिंग फीचर को रिस्ट्रिक्ट करने के लिए कहा गया है।

कहा गया है कि इन गाइडलाइन की मदद से किसी गैर किसी भी हैकर जो कि इसमें सेंध लगाने की प्लानिंग कर रहा हो उसे रोका जा सकता है।

इन गाइडलान का अगर सही से पालन किया जाता है तो एप को उपयोगकर्ताओं के अलावा कोई दूसरा प्रभावित नहीं कर सकता है। बार बार पासवर्ड और यूजर आइडी चेंज करने से डीओएस अटैक को भी रोका जा सकता है।

गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस में कहा गया है कि ज्यादातर सेटिंग एप को लॉगिन करके की जा सकती है या फिर अपने लैपटॉप या फोन में एप्लीकेशन डाउनलोड करके की जा सकती है। कांफ्रेंस के दौरान भी ये बदलाव किए जा सकते हैं।

ZOOM एप से उपयोगकर्ता की निजता की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। हालाकि ZOOM एप कंपनी अमेरिकन है लेकिन इसका सर्वर चीन में है और इनमें कई खामिया हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि इस ऐप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और मीटिंग का डाटा लीक हो सकता है। इतना ही नहीं आपके मोबाइल या लेपटॉप का डाटा भी गायब हो सकता है।

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