पबजी के चाहने वालों के लिए बहुत बुरी खबर आ रही है, जी हाँ। हो सकता है कि आपका यह पसंदीदा वीडियो गेम भारत में बैन हो जाए। पबजी की लत बच्चों को हिंसक और मनोरोगी बना रही है। यह बात लम्बे समय से महसूस की जा रही है, मगर अब एक शिकायत पर केंद्र सरकार पबजी को लेकर संजीदा हुई है।
यह शिकायत दिल्ली के अकाली दल अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने की है। उन्होंने पबजी और फोरनाइट गेम्स को बंद करने की मांग की है। पम्मा के शिकायती पत्र पर सरकार ने प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। शिकायत में कहा गया है कि पब जी एक लत की तरह बच्चों और युवाओं में फ़ैल रहा है जिसकी वजह से ना सिर्फ उनके कीमती समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि इस वीडियो गेम की स्टेजेस क्रॉस करने की होड़ में बच्चे खासतौर पर हिंसक और अवसादग्रस्त होते जा रहे हैं। इसकी ऐसी लत पैदा हो रही है कि लोग अपनी जान तक दे रहे हैं। 8 जुलाई को जींद शहर की शिवपुरी कॉलोनी में एक एएसआई के 17 वर्षीय बेटे ने फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी। लड़का पब जी खेलने का लती था और उसके मां -बाप उसे गेम खेलने से रोकते थे।
आपको बतादें पबजी मार्च 2017 में लॉन्च हुआ था। ये गेम एक जापानी थ्रिलर फ़िल्म ‘बैटल रोयाल’ से प्रभावित हैं। इस गेम में छात्रों के एक ग्रुप को जबरन मौत से लड़ने भेजा जाता है। जिसमें क़रीब 100 खिलाड़ी किसी टापू पर पैराशूट से छलांग लगाते हैं, हथियार खोजते हैं और एक-दूसरे को तब तक मारते रहते हैं जब तक कि उनमें से केवल एक ख़िलाड़ी ना बचे।
पम्मा के नेतृत्व में अभिवावकों ने 4 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करके दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं अन्य मंत्रालयों को ज्ञापन भी भेजा था. इसमें पबजी और फोरनाइट जैसे गेम्स पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
सरकार ने पत्र द्वारा कहा कि बच्चों के लिए हानिकारक गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए मंत्रालय सरकार काम कर रही है। इस मुद्दे पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि इसके लिए कठोर निर्णय लिए जाएंगे।
साथ ही अपको बताते चलें कि इससे पहले सोशल मीडिया का चीनी ऐप टिक टॉक पर अश्लील वीडियो फैलाने के आरोपों के चलते मद्रास हाईकोर्ट ने इसे बैन करने के आदेश दिए थे। हालांकि टिक-टॉक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट फैसले पर रोक लगा दी।