Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक पोर्टल जारी कर सरकार ने नागरिकों से राय मांगी हैं.अगले माह की 7 तारीख तक सुझाव जनता अपना सुझाव सरकार तक पहुंचा सकती हैं. इसकी जानकारी प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने ट्वीट कर दी. उन्होंने ने कहा कि उत्तराखण्ड में यूनिफॉर्म सिविल कोड हेतु सुझावों के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यगणों ने सचिवालय में मुलाकात कर विस्तार से बातचीत की. हम यूनिफॉर्म सिविल कोड के रूप में आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखने का काम करने जा रहे हैं
सीएम ने कहा कि उन्होंने राज्य की जनता से वायदा किया था कि राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा. पहली मंत्रीमंडल बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट के लिए कमेटी के गठन को स्वीकृति दी गई. सीएम ने कमेटी के अब तक के कार्यो की सराहन करते हुए कहा कि एक्सपर्ट कमेटी ने तेजी से कार्य किया है. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि एक्सपर्ट कमेटी प्रबुद्धजनो के साथ जनता से सुझाव लेकर राज्य के लोगों के लिये हितकारी यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी. यह दूसरे राज्यों के लिये भी अनुकरणीय होगा.
आज उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष व सदस्यगणों ने सचिवालय में भेंट कर विस्तृत चर्चा की। हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखने का कार्य करने जा रहे हैं। pic.twitter.com/AoocflT7cX
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 8, 2022
देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए हैं। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखण्ड के नागरिकों के लिए कानून में समरूपता लाने एवं लोकहित के दृष्टिगत समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 8, 2022
सीएम धामी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में उत्तराखण्ड के लोगों का पॉजिटिव रेस्पोंस है.अच्छी भावना के साथ किये गये काम सफल होते हैं. एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव लेने के लिये पोर्टल https://ucc.uk.gov.in लांच किया गया है. इस पर राज्य के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपनी राय आगामी 30 दिन यानी 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं. कमेटी हर सुझाव पर पूरी गम्भीरता से विचार करेगी .