केंद्र सरकार ने PSU कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2025 के तहत, अगर कोई कर्मचारी PSU में नौकरी के दौरान भ्रष्टाचार या गलत आचरण में लिप्त पाया जाता है और उसे बर्खास्त या हटाया जाता है, तो उसकी रिटायरमेंट बेनिफिट्स छिन जाएंगे। यानी नौकरी के साथ-साथ पेंशन का हक भी खत्म। पहले के नियमों में ऐसी सजा का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि गलत काम की सजा सिर्फ नौकरी छिनने तक सीमित नहीं रहेगी। इन फैसलों की समीक्षा उस मंत्रालय को करनी होगी, जो PSU से प्रशासनिक रूप से जुड़ा है।
भविष्य में भी सख्ती बरकरार
नए नियमों में ये भी साफ किया गया है कि भविष्य में पेंशन, पारिवारिक पेंशन या अनुकंपा भत्ता देने का फैसला कर्मचारी के अच्छे आचरण पर निर्भर करेगा। अगर कोई कर्मचारी बर्खास्तगी या छंटनी के बाद भी इन लाभों की उम्मीद करता है, तो उसे सख्त नियमों का सामना करना पड़ेगा। सरकार का मकसद है कि सरकारी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी नियमों का पालन करें और भ्रष्टाचार से दूर रहें।
किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा नियम?
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 का ये बदलाव हर किसी पर लागू नहीं होगा। ये नियम रेलवे कर्मचारियों, आकस्मिक और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS) के अधिकारियों पर लागू नहीं होंगे। इसके अलावा, 31 दिसंबर 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर भी ये नियम लागू नहीं होंगे। यानी ये बदलाव खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए हैं, जो 2003 से पहले नियुक्त हुए और अब PSU में काम कर रहे हैं।