नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक खत्म हो गयी है. 24 फरवरी को हुई इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिसमें अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी की दर 8 फीसद (अबेटमेंट के साथ) से घटाकर एक फीसद की गई है. जबकि सामान्य हाउसिंग पर जीएसटी 12 फीसद (अबेटमेंट के साथ) से घटाकर पांच फीसद करने का फैसला लिया गया है.
भारतीय उद्योग परिसंघ ने बताया कि दरों में कमी करने के फैसले से मकान खरीदारों की जरुरतें पूरी होंगी. साथ ही मकानों की बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि “रियल एस्टेट क्षेत्र और आवासीय क्षेत्र से निर्माण को बढ़ावा मिलता है और इससे रोजगार का सृजन होता है.
उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि आसान कर व्यवस्था से घरों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा.” उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सेक्टर को बड़ी राहत दी है और यह इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की प्रगति को सुनिश्चित करने वाला कदम है.
बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली न बताया कि घर खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी की दर 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दी है और इसमें इनपुट कर का लाभ खत्म करने का फैसला किया है. इसके साथ ही काउंसिल ने किफायती आवासों पर भी जीएसटी दर को आठ फीसद से घटाकर एक फीसद करने का फैसला किया है. जीएसटी की नई दरें एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होंगी.