नई दिल्ली। रिटायर्ड आईएएस ज्ञानेश कुमार और बलविंदर संधू को चुनाव आयुक्त के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने चुना है। ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस थे। वो सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे। अनुच्छेद 370 जब हटाया गया, उस वक्त ज्ञानेश कुमार गृह मंत्रालय में तैनात थे। वो गृह मंत्रालय में कश्मीर मामलों को देखते थे।
नए चुनाव आयुक्तों को चुनने वाली कमेटी में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी थे। अधीर रंजन ने ही बैठक से बाहर आकर मीडिया को बताया कि ज्ञानेश कुमार और बलविंदर संधू को चुनाव आयुक्त चुना गया है। अधीर रंजन ने बताया कि वो चुनाव प्रचार को छोड़कर दिल्ली आए थे। अधीर का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की सलाह के खिलाफ जाकर चयन पैनल में चीफ जस्टिस को नहीं रखा गया। बता दें कि मोदी सरकार ने संसद से कानून पास कराया था कि चुनाव आयुक्त चुनने वाली कमेटी में पीएम के अलावा सरकार के एक मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता रहेंगे। पहले इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी हुआ करते थे। नए कानून में चीफ जस्टिस को पैनल से हटा दिया गया था।
#WATCH | After the meeting of selection committee to pick the Election Commissioner, the Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury says, "In this committee, govt has the majority….One Mr Kumar from Kerala and one Mr B. Sandhu from Punjab have been selected as… pic.twitter.com/lZrZwFGhyz
— ANI (@ANI) March 14, 2024
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चुनाव आयुक्तों की चयन की बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह थे। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही नामों के पैनल की लिस्ट मांगी थी। अधीर रंजन के मुताबिक ये लिस्ट उनको पहले नहीं दी गई। जब वो मीटिंग के लिए पीएम आवास पहुंचे, तो 6 लोगों के नाम वाली लिस्ट दी गई। इससे पहले अधीर रंजन को 212 नामों की लिस्ट भी भेजी गई थी। अधीर रंजन का कहना है कि रातों-रात 212 लोगों के बारे में जानकारी जुटाना उनके लिए संभव नहीं था। उन्होंने मीडिया को बताया कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में वो मीटिंग के मिनिट्स में डिसेंट नोट लिखकर आए हैं।