ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार से शुरू हुए ASI सर्वे का आज तीसरा दिन है। आज भी एएसआई की टीम मंदिर में सर्वे का काम जारी रखेगी। इस बीच मंदिर पक्ष ने मुख्य गुंबद के नीचे आदि विश्वेश्वर मंदिर का गर्भगृह होने का दावा करते हुए गुंबद के नीचे स्थित कमरे की जीपीआर जांच की मांग की है।
इससे पहले कल सर्वे में GNS विधि का प्रयोग हुआ था। 3D इमेज बनाकर यह जानने की कोशिश हुई कि स्ट्रक्चर कितना पुराना है। वहीं इस सर्वे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।इससे पहले शनिवार को एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम शुरू किया जो शाम पांच बजे तक चला। सर्वेक्षण कार्य में मुस्लिम पक्ष के पांच लोग भी शामिल हुए। इस बीच हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि सर्वे में प्राचीन मंदिर के कई सबूत मिले हैं।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि तहखाना में शिवलिंग मौजूद है, जिसकी लोग पूजा करते थे। यह मलबे से ढका हुआ था।
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आयोग इस प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है और यह लंबी प्रक्रिया है। कोर्ट ने हमें 4 हफ्ते का समय दिया है…काम हो रहा है…आने वाले समय में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा…ASI एक प्रीमियम एजेंसी है, काम जारी रहेगा।