उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आस-पास बसी बस्ती के 4000 परिवारों के लिए न्यू ईयर अच्छा नहीं रहा। अखबार पिछले एक हफ्ते से रेलवे के भूमि पर अवैध कब्जे को खाली करने के लिए उत्तर-पूर्वी रेलवे द्वारा जारी किए गए नोटिसों को छापा। चेतावनी दी गई कि अगर जमीन खाली नहीं की गई तो सभी अतिक्रमणों ध्वस्त कर दिया जाएगा और कब्जा करने वालों से लागत वसूल की जाएगी।
इसके बाद लाउडस्पीकरों से बार-बार ऐलान किया गया , लोगों को अतिक्रमण खाली करने के लिए कहा गया, गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के निकट की झुग्गियों में व्यापक दहशत फैल गई। तब से, हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन करने के लिए हजारों लोग, अधिकत्तर महिलाएं दोपहर की नमाज के बाद 8 जनवरी को होने वाली विध्वंस प्रक्रिया को रोकने की अपील कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में अनसंन पर बैठे हैं। पूर्व सीएम ने रेलवे की जमीन के अतिक्रमण के प्रकरण में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना आवश्यक है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की ओर से कब्जा हटाने के आदेश के बाद इन अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 4300 से अधिक परिवारों को बेदखली का नोटिस भेजने की कवायद शुरु हो गयी है। इस क्षेत्र में 20 मस्जिद और 9 मंदिर हैं।