इजरायल से पंगा लेना हमास को पड़ रहा महंगा, अस्पताल में शवों को रखने के लिए नहीं मिल रही जगह

इजरायल से पंगा लेना हमास को पड़ रहा महंगा, अस्पताल में शवों को रखने के लिए नहीं मिल रही जगह

इजरायल के ऊपर हमास के हमले से शुरू हुई लड़ाई अब युद्ध का रूप ले चुकी है। पिछले 5 दिनों में इजरायल ने जिस तरह से गाजा के ऊपर कार्रवाई की उससे अब तक गाजा में रहने वाले करीब 900 लोगों को अपनी जान से धोना पड़ा हैं। वहीं, इस कार्रवाई में अब तक 4600 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। मारे गए लोगों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं। बता दें कि मंगलवार को इजरायल की तरफ से की गई कार्रवाई में हमास का वित्तीय मामलों का प्रमुख जवाद अबू शामला, एक अन्य वरिष्ठ नेता और तीन पत्रकार शामिल मारे गए हैं।

शनिवार से शुरू हुए इस लड़ाई में अब तक गाजा के करीब 1.90 लाख लोग बेघर हुए हैं। इन्हें मिलाकर दो लाख लोगों ने अन्य स्थानों में शरण ली है। गाजा को घेरकर इजरायली सैनिक हमास के लड़ाकों की तलाश में छापेमारी कर रहे हैं। वहीं, हमास के हमले में इजरायल में मरने वालों की संख्या एक हजार को पार कर गई है, 2,600 से ज्यादा घायल हैं। मरने वालों में 156 सैन्यकर्मी हैं।

इजरायल की तरफ से की गई कार्रवाई में अब तक हमास आतंकियों के करीब 1,500 शव पाए गए हैं। ये उन आतंकियों के शव हैं जो सात अक्टूबर और उसके बाद इजरायल के सीमावर्ती शहरों में घुस आए थे और उन्होंने वहां पर तबाही मचाई थी। जबकि गाजा पर बीते 75 वर्षों के सबसे भीषण हमले हो रहे हैं।

इजरायली सैनिकों से घिरे गाजा में आमजनों का जीवन मुश्किल हो रहा है। गाजा के खान यूनिस अस्पताल में अब शवों को रखने की जगह नहीं बची है। इसके साथ ही गाजा के रीमन इलाके में भी इजरायल का हवाई हमला हुआ है। इस इलाके में गाजा की हमास सरकार के मंत्री, उच्च अधिकारी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यालय और विश्वविद्यालय आदि हैं। सिनाई के जरिये मिस्त्र से गाजा को जोड़ने वाला मार्ग इजरायली हमले में नष्ट हो गया है। इजरायली सैनिकों से घिरे गाजा में आमजनों का जीवन मुश्किल हो रहा है।

वहीं, अब इस युद्ध में दुनियां दो भाग में बंट गई है। अमरीका, यूके, इटली और फ्रांस जैसे देश एक तरफ जहां इजरायल के समर्थन में उतर आए हैं। वहीं, कई मुस्लिम देशों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है। अमरीकी राष्ट्रपति के आवास और कार्यालय व्हाइट हाउस में सोमवार-मंगलवार रात नीली और सफेद रोशनी की गई तो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई फलस्तीनी स्कार्फ पहनकर हमास के हमलावरों के हाथ चूमने का आह्वान कर डाला।
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