भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 21 सांसदों को भी विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। इसमें में से 13 सांसदों ने विधायकी का चुनाव जीत लिया है। इसके साथ ही इन सभी पर दोहरी सदस्यता का खतरा मंडराने लगा है। नियम के अनुसार किसी भी दूसरे सदन का चुनाव जीतने के 14 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना पड़ता है।
ऐसे में इन 13 सांसदों की या तो विधायकी जाएगी या फिर सांसदी। 14 दिनों की गिनती 3 दिसंबर से ही होगी। लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने बताया कि 14 दिन के अंदर अगर किसी ने स्वेच्छा से दोनों सदनों में से किसी एक को नहीं चुना तो संसद की सदस्यता गंवानी पड़ेगी।
संविधान के अनुच्छेद 101(2) के अनुसार अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव जीत जाता है तो नोटिफिकेशन के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है। किसी विधानसभा सदस्य पर लागू होता है। ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकसभा सदस्यता चली जाती है।
संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) के अनुसार कोई लोकसभा सदस्य भी राज्यसभा सदस्य भी बनता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होगा। ऐसा नहीं करने पर भी लोकसभा की सदस्यता चली जाएगी।
संविधान की लोकसभा नियम के अनुसार दो लोकसभा सीट पर अगर कोई चुनाव जीत जाता है तो 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना होगा। यही बात विधानसभा चुनाव पर भी लागू होती है।