उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता रहे हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर में निधन हो गया है। मंगलवार शाम 6:30 बजे हरिशंकर तिवारी ने 86 साल की उम्र में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे बहुत लंबे समय से बीमार चल रहे थे। निधन की सूचना मिलते ही धर्मशाला स्थित उनके आवास पर समर्थकों की भीड़ जुट गई।
बुधवार की सुबह उनका शव दर्शनार्थ हाता परिसर में रखा जाएगा। इसके बाद बड़हलगंज स्थित गांव टांडा ले जाया जाएगा। वहां से शव को नेशनल इंटर कॉलेज में दर्शनार्थ के लिए रखा जाएगा। बड़हलगंज स्थित मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
छह बार विधायक के अलावा कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे। अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले हरिशंकर तिवारी की गिनती पूर्वांचल के बड़े बाहुबलियों में की जाती थी।
हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में जाने जाते थे। बड़हलगंज के टांड़ा गांव में जन्मे हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार से छह बार विधायक रहे और कल्याण सिंह से लेकर मुलायम सिंंह यादव की सरकार में मंत्री रहे। उनके निधन के समय उनके बड़े बेटे पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी घर पर ही मौजूद थे। अपने पीछे वे दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं।
बता दें कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का इतिहास खंगालने पर वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी का नाम बार-बार उभरकर सामने आता है। हरिशंकर तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं।