हरिद्वार: मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि एम्स ऋषिकेश से स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ लाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. ताकि उनके अनुयायी और गंगाभक्त सानंद के अंतिम दर्शन कर सकें. इसके लिए कोर्ट खुलते ही रिट फाइल की जाएगी.
शुक्रवार को जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्व प्रोफेसर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए मातृसदन के साथ ही सानंद के गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी मांग कर चुके हैं, लेकिन एम्स की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली है. इस मामले में अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनके पार्थिव शरीर को तीन दिन के लिए आश्रम में दर्शनार्थ के लिए रखने की मांग की जाएगी.
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उन्होंने बताया कि आश्रम से तपस्वी के साथ अभद्रता करने उन्हें जबरन उठाने की सभी घटनाओं की फुटेज मुख्य सचिव से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी जाएगी. यह पूछा जाएगा कि क्या किसी प्रशासनिक अधिकारी को किसी संत एवं तपस्वी के साथ अभद्रता करते हुए जबरन तप से उठाने का अधिकार है. अगर नहीं है तो एसडीएम मनीष कुमार के साथ क्या कार्रवाई की जा रही है. जिन्होंने अभी तक आश्रम से कई संतों और तपस्वी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया है.
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ पीजीआइ में भी गोपालदास को तप त्यागने के लिए प्रताडि़त किया जा रहा है. जिससे उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है. शिवानंद ने बताया कि शनिवार को मातृसदन में स्वामी शिवानंद को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा. इसमें सानंद के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद समेत गंगाभक्त और पर्यावरणविद् भाग लेंगे.