नूंह हिंसा पर बोले हरियाणा के मुख्यमंत्री, कहा- हर किसी की सुरक्षा नहीं कर सकती पुलिस

हरियाणा के नूंह-मेवात से भड़की हिंसा में अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों वाहनें जला दी गई। सैकड़ों दुकानों में तोड़फोड़ किया गया। हालात को काबू में करने के लिए कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कई जिलों में कर्फ्यू लगा है। लोगों में दहशत है। इस हिंसा की आग में कई लोगों को लाखों का नुकसान हुआ। सुप्रीम कोर्ट तक ने इस हिंसा पर त्वरित सुनवाई करते हुए हेट स्पीच और सड़कों पर तोड़फोड़ रोकने का आदेश दिया है। लेकिन इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है। जो पीड़ितों के जख्मों पर मरहम की जगह नमक की लगा है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को नूंह हिंसा पर कहा कि पुलिस हर किसी की सुरक्षा नहीं कर सकती।

एक जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स से हिंसा की स्थिति के बीच ऐसा कहना बेहद डरावना और विवादित है। सीएम के इस बयान से हिंसा पीड़ितों का मनोबल गिरा है। दूसरी ओर विपक्षी दलों ने भी उनके इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया की है। बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश की आबादी 2.7 करोड़ है। हमारे पास 60 हजार जवान है। ऐसे में पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं सकती।

सीएम खट्टर ने आगे कहा कि नूंह में गोरक्षा का मुद्दा है। मामले की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रवर्तन ब्यूरो की होगी। इस मामले में 100 जवान तैनात किए जाएंगे। सीएम खट्टर ने गोरक्षा के लिए मुस्लिम युवाओं से मदद की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम युवाओं को प्रोत्साहित करता हूं कि वह गोरक्षा के लिए आगे आएं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में कोई भी गैरकानूनी गतिविधि न हो इसके लिए 20 अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। 6 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 2 पुलिस कर्मी और 4 नागरिक हैं। 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 90 अन्य को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ के बाद कार्रवाई की जाएगी। जो भी इसमें शामिल है उसे बख्शा नहीं जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। नूंह में इंडियन रिजर्व बटालियन भी तैनात की जाएगी।

मुआवजे पर हरियाणा सीएम ने कहा कि हमने एक अधिनियम पारित किया है जिसमें यह प्रावधान है कि किसी भी नुकसान के लिए, सरकार सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजा जारी करती है लेकिन जहां तक निजी संपत्ति का सवाल है, जिन लोगों ने नुकसान पहुंचाया है वे इसकी भरपाई के लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए, हम सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए प्रावधान करेंगे और निजी संपत्ति के लिए हम कहेंगे कि उन लोगों से मुआवजा वसूला जाए जो इसके लिए उत्तरदायी हैं।

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