लखनऊ: हाथरस गैंगरेप केस ( Hathras Gangrape) में यूपी पुलिस पर शुरुआत से ही लापरवाही के आरोप लगते आ रहे हैं, इसी का नतीजा था कि योगी सरकार ने केस सीबीआई को सौंप दिया। अब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सीबीआई के हाथ एक आरोपी की मार्कशीट लगी है, जिसके मुताबिक आरोपी अभी नाबालिग है। इसके बावजूद उसे अलीगढ़ जेल में रखा गया है।
आरोपी के घर से मिला मार्कशीट
सीबीआई की टीम जब आरोपियों के घर पूछताछ करने पहुंची थी उनके हाथ एक आरोपी की हाईस्कूल की मार्कशीट लगी। जिससे साबित होता है कि वह नाबालिग है। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद सोमवार की देर रात ही सीबीआई ने कोतवाली चंदपा से सस्पेंड किए गए सीओ रामशब्द, इंस्पेक्टर डीके वर्मा और हेड मोहर्रर महेश पाल से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की।
नाबालिग निकला गैंगरेप का एक आरोपी
कानून के जानकारों का कहना है कि किसी भी केस में अगर आरोपी संदिग्ध है तो उसे मुताबिक उसे बाल सुधार गृह भेजा जाना चाहिए। इसके साथ ही आरोपी की पहचान भी गुप्त रखने का नियम है। हालांकि इस केस में आरोपी सामान्य जेल में है और उसकी पहचान भी उजागर कर दी गई है।
आरोपियों से जेल में हुई पूछताछ
दरअसल 14 अक्टूबर को हाथरस के बुलगढ़ी गांव में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। मामले के चार आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं। सोमवार को सीबीआई ने आरोपियों से जेल में अलग-अलग पूछताछ की और उसके बाद चारों को एक साथ बैठकर भी पड़ताल की गई। सीबीआई ने जेल अधीक्षक से भी पूछताछ की। इसके अलावा पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर्स से भी बंद कमरे में पूछताछ हुई है। अस्पताल के अधीक्षक से केस के जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज भी लिए गए।