झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आज जन्मदिन है। अपने जन्मदिन पर उन्होंने अपने हाथ पर कैदियों को लगाई जाने वाली मुहर के निशान दिखाए। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिये उन्होंने अपने शरीर पर लगी मोहर को साझा किया और इसे लोकतंत्र में मौजूदा चुनौतियों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह मुहर उनके हाथ पर (जेल अधिकारियों द्वारा) तब लगाई गई थी जब वे जेल से रिहा हुए थे।
आज अपने जन्मदिन के मौक़े पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है – वह है यह कैदी का निशान – जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया। यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है।
जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई… pic.twitter.com/TsKovjS1HY
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 10, 2024
लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक
सीएम हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘‘आज अपने जन्मदिन के मौके पर बीते एक साल की स्मृति मेरे मन में अंकित है- यह कैदी को लगाई जाने वाली मुहर का निशान, जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया। यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है।’’ बता दें कि कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 28 जून को सोरेन को रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया था।
आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे?
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, बिना कोई शिकायत, बिना कोई अपराध के जेल में 150 दिनों तक डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे? यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है।’’ दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज के दिन मैं और ज्यादा कृतसंकल्पित हूं। मैं हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करता हूं। मैं हर उस व्यक्ति/समुदाय के लिए आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जिसे न्याय से वंचित रखा गया है, जिसे उसके रंग, समुदाय, खान-पान, पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘ हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग न हो।’’ उन्होंने कहा कि यह रास्ता आसान नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। क्योंकि हमारे देश की एकता, विविधता में ही हमारी ताकत है।’’